सज्जन भजन भारती | Sajjan Bhajan Bharti
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
4 MB
कुल पष्ठ :
130
श्रेणी :
हमें इस पुस्तक की श्रेणी ज्ञात नहीं है |आप कमेन्ट में श्रेणी सुझा सकते हैं |
यदि इस पुस्तक की जानकारी में कोई त्रुटि है या फिर आपको इस पुस्तक से सम्बंधित कोई भी सुझाव अथवा शिकायत है तो उसे यहाँ दर्ज कर सकते हैं
लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
No Information available about शिवजीरामजी जैन - Shivjiramji Jain
पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand), स्तवन चौबीसी `
१. आदि जिन स्तवन
[तर्जे----मारवाड़ी---लोंटस करवा की |
प्रभु ऋषभ जिनन्दा साँभलजो रे, व्हाला मुझ अरदास””॥टेर॥
काल अनादिनी प्रीतिडी .जिनजी रे
` सुखकारी रे म्दाया ऋषम् जिनन्दाः
_ तोडीने.रे .करियु . मोक्ष. मां. वास,
प्रभुः ऋषय -जिनन्दा ““ ४४ ॥ १1
- ह अधमा. भवारण्य मां जिनजी.रे
जयकारी रे.-प्रभरु . ऋषभ जिनन्दा,
` र्खडीने वहु पामीः कर्मनी লাজ
प्रभू ऋषभ जिनन्दा ४४ ४४ 1 २॥
आवी प्रीति नहीं सृज्ञजननी रे,
मनहारी रे““प्रभ् ऋषभ जिनन्दा,
` ए नहीं प्रीति नी रीति छे खास ।
प्रभ ऋषभ जिनन्दा ““ “^ -॥ ३॥।
प्रीति तो. एम - पिछाणिये .जिनजी रे
शिवकारी रे प्रभु ऋषभ जिनन्दा
आपे रे जेह मित्र ने सुखनो वास (এ
प्रभु ऋषभ जिननदा ४४ ०४४ ॥४॥
User Reviews
No Reviews | Add Yours...