पूर्वोदय | Porvoday
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
3 MB
कुल पष्ठ :
260
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)सर्गदिय की मीति म
আহমী জীব पुष्प पना भय पुरुपाथ ही खत्म दो जायगा। नहीं,
बल्कि समस्भयों का धरातड उतेगा और नॉनन््तेल-लकरी वी ये न रह
जायेंगी। वे साम्कृतिक और मैरिक दोंगी। तब्र आदमियों फी होड
आर्थिक न हाऊर पारमार्थिक होगी ।
মাতে वी राजनीति की मौका नही है कि यह माने कि বিনা নীতি
ফাল चल मक्ता है। नीति यानी घम-नीति, डिप्लोप्रेसी नहा ।
मैतिच्ठा का खाद टेऋर स्वय विग्र का राजकारण পানী নর্থী घत्ठा )
साय ही गाषीग से यह मी प्रत्पत हो गया है कि अध्याम ने सिफ्त
संसार से विभुत्र नहीं है बल्कि सखार है अमाव में मद अपयूरा और
पील हो रहता है।
षस तरह यद्रवि उपर के दो, मौतिक जोर नैतिक, धृष्टिकाणों का
अन्तर गदर ओर मालिक है, फिर मा विवार का गुजानश नहीं रइती ।
जा उतना झा छांड्कर बाहरी परिक्िति मे तृश् रह ६, ऐस रुचझारिकों
से अटक और एिल्गे पिना ठस्कारिकों का काम चलते रइना चाहिए ॥
चुनाव या और दलयदा का फाम उस प्रकार का दइमान और स्वभाव
रखनवाल লান ज्यों ने करें ? न््याद-मंज्याटा यही हो समता है कि कुछ
उसऊा ग्वनाप्मक न सान | ता ऐसे रचनाम विचार के लोग उस दल
सतत कामे सत रर् सपना काम दिये नाव तो स्वय उन दर्सों का
सदयागं उना भिर स्वसा ‰ । वक्कि स्वनात्मझ दाम एके हा साथ सब
दर्ले का ताकत पहुँचानवाल ३२। यह हो जमीन है जिस पर दर दीन का
पड़ना आग वहीँ से रस लना है, नहीं ता यह जद ने पकड़ पायगा |
धचनात्मको राब्द इघर बहुत उन्ठा है। लिमड्ो ता करना एता
है, उसी का रचनात्मर झषकर यह पद्ष झरता है। गाघानी ने जो एक
नयी भाया ष्म दी, उसमे कनिना मी कुछ घटी है। व्यचगर नैतिक
হা ক অহা বলল জবা & 1 হনে অল से यहाँ तक कहा लाता हे कि
चहटाँ अन्दर पाप दो, वहाँ य पर घम पाआगे जहाँ मीदर घात हां,
बं उपर मिरग होगी 1 यानी आटशबाद और नीतिवाद जहाँ है
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