झंकार | Jhankar
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
1 MB
कुल पष्ठ :
180
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)अथं
जब तक रही अर्थ की मन में
सोहकारिणी माया;
तब तक कोई भाव सुवन का
भूल न सुष्ठको भाया)
नाची कितने नाच न जाने,
कठपुठली-सी काया,
मिटी न ठृष्णा, सिला न जीवन,
वहुतेरा मुह वाया ।
भर्थ भूछ कर इसी लिए अव
ध्वनि फे पीछे धाया,
दूर किये सब অজি বাজ,
दह ढोंग का ढाया ।
इसन्त्री का तार मिले तो
सदर हो सरस सवाया,
भोर समप्त् जाऊं फिर में भसी--
यह मेंने है याया॥
१
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