मौलाना रूम | Maulana Rum
श्रेणी : साहित्य / Literature
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
141 MB
कुल पष्ठ :
259
श्रेणी :
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लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
No Information available about जगदीशचन्द्र वाचस्पति - Jagdishchandra Vachaspati
पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)টা क
২, (१९)
“कि बह फ़ारसी जैसी कवितामयी भाषामें लिखी गयी है वरिक
उसकी ख्यातिका सबब कुछ ओर ही है | इम यह चाहते हे
5 'कि इस उचित खानतपर मह्तवीके प्रसिद्ध होनेके असली कारणों-
` पर विचार किया जावे ओर यह सोचा जावे किक्या कारण
हैं. कि मौलाना रुपको मस्तवी संसारमें प्रसिद्ध हे ।
होते हैं--
(१) वह वस्तु खयं इतनी अच्छो दो कि सवे-प्रिय हो जावे।
(२) वह वस्तु किसी ऐसे कामकी हो कि जो बहुत आव-
হযক্ধ হী? ~.
{ ३) वड वस्तु किसी एसे परसिद्ध व्पक्तिको होकिजी 3
खचेप्रियहो ५
मस्नवोकी प्रसिद्धिमें केवल पहिली वात ही प्रमाण है।
..._'अथांत् मस्नवी इसलिये प्रसिद्ध है कि वह स्वय' ऐसी है
... लोग उसे আই জীব स्थान खानपर ले जावे।._ पका
मस्तवीकी छेखन-ऐोली इस प्रकारकी है कि समऋनेवालेपर =
(५ . 'मस्नव्रीको शुरू किया जावे तो “बांखुरीका रुदून! नामक उपा- ৯ |
. আমাল सबसे पहिले दृष्टिगोचर होगा जेसा कि-- ` स
किसी भोी वस्तुक्की प्रसिद्धिके विशेषतया तीन कारण
( १) मस्ततीमें प्रत्येक बातपर कथा लिखों गयी है। यदि...
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