बुन्देलखण्ड में राष्ट्रीय एकता का इतिहास | Bundelkhand Mein Rashtriya Ekta Ka Itihas

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Bundelkhand Mein Rashtriya Ekta Ka Itihas by कैलाश खन्ना - Kailash Khanna

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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21 +> মুন্নী का आधिपत्य स्थानीय परम्परा के अनुसार इन्देलो छढी उत्पत्ति काशी के गहरवाट वंश के राणा' की संतान पंचम ते हुई 17 इत परम्परा के अनुतार राजगु चै वचित्‌ हीने के उपरान्त पंचम जब अपने भाईयों के द्वारा काशी राज्य ते निष्कासित कर दिया' गया तब वह मिर्जापुर के निकट -विन्ध्याचल नामक त्थान ते -विन्ध्यवासिनी देषी के समष्ठ तपत्या फरने लगा। ॥ तपल्या' करते समय उसने फटार निकाल कर देष के समक्ष अपनी बलि देने का न्ध्य किया और पैसे ही उसने ग्ले पर क्टार मरी उत्ती तमय देवी प्रकट हुई जो' उत्तकी भ्रक्ति से प्रभावित होकर उते চে वरदान दिया কি, ধস को न देखल अपना राष्य ही 'फमिल्लेगा' बल्कि... উই ঘা से জী ধা की बोँद जमीन पर गिरी थी इतिय उरक उत्तराधिकारी इन्देते कहे जाने कगे 121 दलिय्टॐ3 ने इस कहानी षये सत्यता पर प्रशनाचिन्ह लगाते . हथ य कडा है कि छत कहानी का उध्द्धेतय इन्देतों की साधारण उल्पात्ति कौ असमान से बयाने के -लिये रवा गया है ॥ उसने दुन्द्रेशों की उत्पत्ति... के बारे में वर्णन देते हुये 'लिया' है कि गहरवार वंशीय हरदेव एक दासी कन्या के स्राथ चैरागढ़ से आकर ओरछा में निवात्त करने लगा' | करार के बंगार राजा ने हरदेव को उत्तकी पुत्री फा विवाह अपने साथ करने को न्द मन 1 वही. हे पष्ठ- 19... : ११ ३2. हिल्ट्री आफ इन्देशाजु, पाग्तन, पृष्ठ-8« 353«.. बम द्वारा अनुद्धित, भागन।, पृष्ठन्धठ




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