हिंदी कहानी : प्रक्रिया और पाठ | Hindi Kahani Prakriya Aur Path

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Hindi Kahani Prakriya Aur Path by सुरेन्द्र चौधरी - Surendra Chaudhary

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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कथा, श्रास्यायिका और छोदी कहानी १५ जायँँगी। लेकिन, कथाओं और आख्याविकाओँवानी वह व्यास टिप्यया आज की कहानी का सत्य नहीं ह जिसके अनुसार ^$ नके दिन स्ख से बीते वेरा बाते! को म्गल-कामना की जाती थी। हमारे सोतिक अम्तित्व का इतिहास ऐसा नहीं है 1 हम हार कर हमेशा पराजित रह जाते है, या पिर ज्यत कर भा क्ायलातर में पराजित हाते है । सत्य ओर अन्य क! मधर भौतिक जगत में कमा मा नि-य रूप स निर्णयामक नही हो पाया । यह सत्य हमारे बाध का सत्य है, ईप्सा का नहीं | इस अर्थ भे आज का कथाकार इस वोध के प्रतिबहुत्त ईमानदार ह) श्सा ईमानदारी को ओर सकेत करते हुए ऑडेसन ने लिया है-- गाय 5 फॉणहुणी एलणए $च001 310 6076 1110 ০911 886 ला05$, ५10 सवा 06 5ए6 दावा 10 50९0९९5507 10 52४7011 ५/]] मततः › तजा १०९ 101 ववा 1१८ 16510 [01097 0100 12010) 02120155০00 0175 20011 01010 7৩৬ ব৩া8501৩থা) মা 9৬৮ 18591500 9550570৩ 0৮৩) 00090515010 11011 111/01505 1055 05 ৮১৫11 £011) 5 ५ मतता मे ছি স্হান আহ চতুমনী ঈ পদ না আলা খন মরাদাত स्‌} दस्‌ कह या भ रुन सिद़ दे प्रम का अस्त उसकी सु यु से । হলো कर प्रण अपने-अपने भ्यान पर पृण और सारिविक है । 'बोध' का यह नया भगिमा कहानी को আবণ্য্ ধা অধিক লিক্ষপ নাল हानी है, हमारा एतिहासिक अ्रल्तिव यहाँ अपने पूर व्यावहारिक ढदौच मे उतर भाया ह । विषय बोध का बडा रूप छोटा कद्दानियों के सपृण स्याप ये थी নয়াসা धरोर काख्प्रायिकाओं से »लय कर देवा है। जाप आधुनिक कहानियाँ मे स्पाप-य रा पूर्णता क्पासक को निवधना के रद रूपा से एृध्य_ पायेंगे, भर्याव थे का्नियाँ »तरिक निम व के सारण पृण्ता झहण करता है, धतनाओों के पौवा- पेय मात्र रो नहां 14 रा धधि में छोटा कहानियाँ का उपबन्यि उनम्य अतिरिक्त म्थापय ए जो के] बातावरण ओर चरित्र के अस्वराबत्बन দ ছা দুল निर्मि! हों जाता है। घतनाप्रण कहानियाँ झा तुलना में ऐसा सडानियों रा १ ४. ध. 75 39৩5 1010, 76545 0921176705৭ 0 ५




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