यहिन्द काव्य | Yahinda Kaavya

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Yahinda Kaavya by श्री चन्द्र - Shree Chandra

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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प्रकार पाया जाता है यह वस्तुवाद आगे चलकर आधुनिक युग की विशेषता बन जाता है ¦ १४ मेथिलीशरण गुप्त (सं० १६४३)---जन्म-स्थान-मोंसी--- आधुनिक लोकप्रिय कवि । कविता उच्च भावनाओं सेप रिपूर्ण है | देश- भक्ति कूट-कूट कर भरी है । इनके यह पसिद्ध अन्ध हैं--.१ भारती २ यशोधरा, ३ जयद्रथ वध साकेत आदि । भारत १४ जयशंकर प्रसाद (सं° १६४६) जन्म-स्थान काशी ! हिन्दी के प्रतिभशील ओर प्रमुख कवि है । प्रसाद जी की प्रसिद्ध रचनाए'-.. (नाटक)---अजात शत्रु, स्कंद गुप्त 1 (कहानी) छाया, दीप (उपन्यास ) कंकाल, तितली । कविता झरना, कामायनी इनकी कविता सर्वतों सुखी हैं | रामनरंश त्रिपाठाी (सं० १६४६) इनका जन्म जोनपुर के समीप गांव से हुआ ) रचनाय--मलन, स्वन्न, पथिक) इनकी कविता राष्ट्रीयता के भावों से परिपूर्ण ই। १५ सूयकान्त जिपाठी निराला (जन्म सं० १६४९) हिस्दी कांज्य में नवयुग के प्रवतऊ हैं इन्होंने छुन्दों के बन्यनों से हिन्दी कविता को मुक्त किया । इतको नई कांवेता नया संदेश लाई इनके भाव गूढ़ हें, प्रसिद्ध अप्थ---परिसल, गीतिका आदि । १८ सुमित्रानन्दन पन्त ( जन्म सं० १६९७ ) निवास-स्थान--- अलमोडा इनकी रचनाओं में माछुयं, सुकुमारता तथा वेग पाय! जाता ` है। ठोक शब्दों कां श्रयोग करने में यह बहुत कुशल हैं | इनकी कल्पना शक्ति उच्च कोटि को हे प्रकृति के स्वरूप को यह कल्पना की अन्त दृष्टि से देखते हैं इनके प्रसिद्ध ग्रन्थ पछव, गु'जन, युगवांणी, ज्योत्स्ना आदि । १६ श्याम नारायण पांडेय, आजकल के प्रसिद्ध कवि हैं जिस्होंने “हल्दी घाटी? नाम का काव्य लिखकर हिन्दी साहित्य का परम उपक्र किया है | १५




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