जनता पार्टी का उद्भव एवं पराभव | Janta Party Ka Udbhaw Evm Prabhaw

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Book Image : जनता पार्टी का उद्भव एवं पराभव  - Janta Party Ka Udbhaw Evm Prabhaw

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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प्रथम चुनाव 1952 कुल स्थान 489 राजनीतिक प्राप्त সান प्राप्त दल কান स्थानो मतो का का 1 2 3 4 काप्रेस 364 744 450 कम्युनिस्ट पार्टी 10 33 33 सोशलिस्ट पार्टी 12 25 10 6 কি মণ স০ ঘাবাঁ 9 18 58 प्रसोपा जनसध 3 00 31 हिदू महासभा 4 () ७ 0 95 स्वतत्र पार्टी - रिपब्लिकन पार्टी 2 04 2 36 रामराज्य परिषद्‌ ३ 06 2 03 अन्य दल 35 72 |] | निर्दलीय 4] ১4 158 भन त শপ सारिणी संख्या - 1 प्रथम, द्वितीय ओर तृतीय आम चुनावो मे राजनीतिक दलो का निष्पादन (लोक सभा) द्वितीय चुनाव 1957 कुल स्थान 494 तृतीय चुनाव 1962 कुल स्थान 4५4 = प्राप्त स्थान স্পা 371 27 1५ 29 39 পপ সা प्राप्त स्थानो काश 6 751 54 ক 38 08 02 08 ॐ. 19५ भाप्त পান मतो स्थान क्रा ध & 47 78 301 8 92 2५ 0 10 41 12 5 92 14 0 20 ] 18 15 3 0 38 2 481 28 19 39 20 ০০ স্পা শপ শপ পিসী ~+ + ~ न, পদ प्राप्त स्थानो का % পপি পাদ | পপ পপ পাপ = = 9 १6. 59 12 24 28৪ () 2 37 00 04 57 41 प्राप्त मतो জা %, ~ 10 ~ 44 73 ० ५ 09 6 ४1 ০43 () 05 7 89 2 83 0 00) 0 33 110১ 1952 से 1962 तक देश मे हुये तीन आम चुनाव मे विभिन्‍न राजनीतिक दलो का तुलनात्मक निष्पादन सारणी (सख्या - ।) मे देखा जा सकता है । यद्यपि तृतीय आम चुनाव मे विरोधी दलो की स्थिति मे मामूली सा सुधार हुआ लेकिन काग्रेस को विशेष हानि नही उठानी पडी और उसका प्रभुत्व बना रखा । इन तीनो आम चुनावो की सामान्य विशेषता एक दल का एकाधिकार रहा । काग्रेस का यह अधिपत्य विश्वसनीय सत्ता पर आधारित थान कि असेनिक या सैनिक शक्ति पर । इन 15 वर्षो मे विरोधी दलो को विकसित होने का मौका नही मिला ओर इन तीनो चुनावो मे भरसक प्रयलो के बाद भी विरोधी दल काग्रेस क मुकाबले अपनी स्थिति को न सुधार सके । इसके बाद भी विरोधी दल राष्ट्रीय स्तर पर किसी समझौते का राजी न हुए । यदि विरोधी दल मिलकर काग्रेस का मुकाबला करते तो काग्रेस 1. रजनी कोठारी “दि काग्रेस सिस्टम इन इण्डिया ,पूर्वोक्त,पृ७ 1170 । 5




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