इंग्लैंड का आर्थिक इतिहास | England Kaa Aarthik Itihaas

England Kaa Aarthik Itihaas by सत्यदेव देराक्षी - Satyadev Derakshi

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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पहला अध्याय स्वामि-भू पद्धति मध्य काल' में अधिकांश इ गलेड म स्वामि-भू ग्रामीण संगठन की थी । नार्मन विजय से पूर्व भी इद्धलेड में स्वामि-भूमियां थीं और इस घटना के समय कृषि की स्वामि-भू पद्धति सूप्रचलित थी» यह इस देश तक ही सीमित नहीं थी; वास्तव में यह समस्त केन्द्रीथ और परिचिमी यूरोप में भी पाई जाती थी। इंगलेड में इसके विकास का इतिहास अन्धकारमय और विवादग्रस्त है.। कतिपय अ्स्वेषण-कर्ताओं ने यह बतलाने का प्रयत्न किया है करि स्वामि-भू विल' (५४11) का विकसित रूप है जो रोम के साम्राज्य के दिनों में दासों से जोती जाने वाली भूमि को कहते हैं। अन्य लोगों ने इसका प्रारम्भ जर्मनी के मार्क! (1910) বধ बतलाया है जो स्वतन्त्र मनुष्यों की सम्ताज द्वारा अधिकृत और कर्षित शत्र होताथा। वतमान स्म, में अधिकांश विद्वानों का मत है कि_ “स्वामि-भू पड़ति के विकास में रोम और जमनी दोनों का प्रभाव पड़ा है। परल्तु इस प्रश्न का अभी तक अन्तिम निरचय नहीं हुआ है । यह संभव है कि स्वामि-भू पद्धति के जन्म और: प्रारम्भिक विकास संबंधी अनेक समस्याओं का स्वंसम्मत हल कभी भी नहीं निकलेगा । । --स्वामि-द एक बडी भू-सम्पत्तिर होती थी जिसमें प्रायः एक गाँव और इसके चारों और की भूमि. समाविष्ट होती थी । बहुवा स्वामि-भ के टन 4. नामन काल में स्वामि-भू पद्धति का श्रधिकांश ज्ञान “ड्म्स डे बुक” से मिलता है जो १०४६ में पूरी की गईं थी । यह ध्यान देने की वात ह कि ““इम्स डे” में स्वासि-भू शब्द उस क्षेत्र के लिए भ्रयोग किया गया है जो कर लगाने के लिए इकाईं माना जाता था। यह सदा आर्थिक इकाई के रूप सें “स्वामि-भर” के सदश नहीं होता था, जोकि इंस अध्याय का विषय है । २, स्वासि-भूसियों का आकर भिन्न-भिन्न होता था | कुछ एक হাহ” (१२० एकड़) से भी छोटी होती थीं। इसेक्स में स्थित बारकिंग की स्वार्मि-सू ३० हाइड लम्बी चोड़ी थी और कुछ इससे भी बड़ी होती थी ।




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