पाश्चात्य साहित्यालोचन | Pashchatya Sahityalochan

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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विष॑य-~सुची पहला प्रकरण वहिष्कूत आलोचनाएँ साहित्य के अथे-निर्णय की कठिनाई--१. वैज्ञानिक आलोचना, ऐतिहःसिर्क॑ आंलोचना--२. पेठालोचन - ३, पर्योज्षोचन ( रिव्यू ) | प्रष्ठ १ से ४२ तक दूसरा प्रकरण रचनात्मक आलोचना आलोचना के प्रयोजन --?., रचना ओर आलोचना--२. कलात्मक सृष्टि के स्रोत--३, रचनात्मक प्रक्रिया का विवरण--४. रचनात्मक आलोचना--५ अंकप्रधानवादी (इम्प्रेशनिस्टिक) आलोचना--६. अहंकारबादी ( एगोटिस्टीकल ) आलोचना | पृष्ठ ४३ से ६१ तक तीसरा प्रकरण व्याख्यात्मक आलोचना शाक्ञीय श्रालोचना से व्याख्यात्मक श्रालोचना की श्रोर भुकाब--१. व्या- ख्यात्मक आलोचना--२. ऐतिहासिक पद्धति--३. जीवनचरितात्मक पद्धति-- ४. मनोवैज्ञानिक पद्धति--५, श्रागमनात्मक पद्धति । प्रष्ठ ६२ से १२७ तक चौथा प्रकरण निरणेयात्मक आलोचना निर्णयात्मक आलोचना--१. आलोचनात्मक सिद्धान्तों का ऐतिहासिक वर्णन--२. शाखस््रीय आलोचना--३. शाश्वीयता और रोमान्सिकता--४. शास्त्रीय आलोचना से कल्ञामीमांसा-विषयक ( एस्थैटिक ) आलोचना की ओर मुकाव--५. एस्थैटिक अनुभव, उसकी विशेषताएँ, रचना-कोशल, ओर एस्थैटिक सिद्धान्त--६. सत्य और नेतिकता के सिद्धान्त । पृष्ठ १२८ से २३८ तक




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