गोस्वामी तुलसीदास | Goswami Tulsidas
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
66 MB
कुल पष्ठ :
635
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)विषय- লী
प्रथम अध्याय : अन्वेषण का उपक्रम
(क) यूरोपीय विद्वानों का श्रनुसंधान
प्रावकथन
(क) विल्सन १, विल्सन की सूचनाएे १, हाजीपुर का उल्लेख २,
(ख) याउज्ञ ২-*, रामचरित मानप्त का अंग्रेजी अ्रनवाद २, कुछ
(ग)
(घ)
(ङः)
गाथाएँ २, सोणे म लालन-पालन ६
सर जॉर्ज গা সিএলল ४-१२, प्रमुख गवेपक ४, सहयोग ४,
सूचनाएँ ४, संस्कृत-श्ञान ५, जन-श्रति ५, जन्म-स्थन और विद्या-
स्थान ६, गुरु ओर सम्प्रदाय ६, संदेह ८, विवाह-विरक्ति ८,
पत्रव्यवहार श्रो आकस्मिक मिलन €, वृन्दावन-गमन १०, जनल
मेँ वृत्तान्त ११, साई क्लोधीटिया ११, एन साईवलोपीडिया १२।
स्मिथ मेक््रो श्रौर कने १३-१४, वितं स्मिथ १३, मेक्फी १३,
कने १४।
विदेशी मत का सिंहावलोकन १४, जन्मस्थान १४, उपजाति १४;
जन्म-निषन १६, पति-पत्नी १६, श्रन्य बातें १७, प्रशस्त संकलन
१७, आश्चर्य १5, गज़टियर १८, गजिटयरों का सार २०।
(च) निष्कषे २२।
(ख) भारतीयों को गवेषणा
(वः)
(ख)
(ग)
व्रार्केकयन
मिश्रबन्धु २२, माता-पिता ने तुलसीदास को त्यागा न था २३,
दोहों में पति-पत्नी को बात-चीत विश्वसनीय नद्वीं २३, तुलसीदास
के गुर् नरहरिं २४, क्या तुलसादास कान्यकुव्ज बाह्मण थे १ २४१
'तुनसीचरितः मे ननास्था २५, डॉ० दाक्ष श्रोर॒पं० शुक्ल का
प्रभाव २६ ।
डॉ० श्यामसुन्दर द।स २६, प्रारम्मिक मत २६, तुलसीचरित!”
का प्रभाव २७, “मूल गोसाई चरिता की ओर ऊुकाव २६,
विवरणाभाव की पूर्ति जनश्रुति से २९, खटकने वाली बात २६,
परिवत्तंन ३०, (तुलसी चस्ति की तीत्रालोचना ३१, 'मूल गाँसाई'
चरित के सम्बन्ध में प्रथम तकं ३१, दितीय तकरं ३१, सूकर खेत के
सम्बन्ध में ३२, स्पष्टवादिता ३२।
पं० रामचन्द्र शुक्ल ३२ : गोस्वामी जी को कान्यकुन्न मानने पर
आपत्तिया ३२, जन्म-तिथि ३३, शुक्ल जी का तकं ३३,
जन्म-स्थान ३४, वंशावली ३४, क्या नन्ददास जी चचेरे भाई
थे १ ३४, विवाह ३४, गुरु ३५, राम बोला ३५, तुलसीदास
नी अपने माता-पिता से अलग हुए ३६, सूकरखेत सरयू-घाघरा
के संगम पर ३६, परिवत्त न ३७, शुक्ल जी का दृष्टिकोण ३७।
१-३७
१-२२
२२-३७
२२
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