ईरान | Iraan

55/10 Ratings. 1 Review(s) अपना Review जोड़ें |
Book Image : ईरान  - Iraan

लेखक के बारे में अधिक जानकारी :

No Information available about सत्यपाल विद्यालंकार - Satyapal Vidyalankar

Add Infomation AboutSatyapal Vidyalankar

पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

(Click to expand)
जीवन व्यक्ति का हो अथवा देश का, अपने-प्रापको अनिवार्य रूप से दोहराता है । ईरान चारों ओर पव॑तों से घिरा है। इसके उत्तर में अलबुज की पव॑त-मालाएँ हैं, जो उत्तर-पश्चिम की ओर फैलती हुई तुर्की के उत्तरी भाग को छती हैं । ईरान की सबसे ऊंची पहाड़ी चोटी 'देमावन्द' जो १८ हज़ार फुट से कुछ ग्रधिक है, इन्हीं अलबुज पर्वत-मालाग्रों में है । अलबुज़' के साथ-साथ लगी खोरासान की पहाडियाँ हैं । ये पहाडियाँ ईरान के उत्तरपूर्व में हिन्दुकुश पर्वत-माला (अ्रफृगा- निस्तान) में समाप्त होती हैं । उत्तर की इन दो पवंत-मालाश्रों के अतिरिक्त दो पवंत- मालाएँ और हैं । एक पव॑त-माला का नाम है जेगरोज और दूसरी का नाम है मकरान। जैगरोज़ पर्वत-माला ईरान के दक्षिण-पश्चिम से शुरू होकर उत्त र-पश्चिम तक चली गयी है। देश के समूचे पश्चिम तट पर यह पवंत-माला प्रहरी को भाति खडी है । मकरान की पहाडियाँ ईरान के दक्षिण-पूर्व॑ में हैं शोर वहाँ वे बिलोचिस्तान क॑। पहाड़ियों से जा मिलती हैं । चारों श्रोर पहाड़ियों से घिरा हुआ ईरान का बीच का पहाड़ी मैदान ही वास्तविक ईरान है। इसे ईरान का हृदय कह सकते हैं। इसी पहाड़ी मैदान में इंरान की राजधानी तेहरान व दूसरे बड़े-बड़े शहर हैं जिनका यथास्थान वर्णन किया जायेगा । इस पहाड़ी मैदान की समुद्र-तट से झोसत ऊँचाई साढ़े तीन हज़ार फुट हैं। ईरान एक ठंडा मुल्क है। बीच का यह पहाड़ी मैदान केवल एक ही ओर से पहाड़ियों से घिरा हुआा ৫ $১ তা




User Reviews

No Reviews | Add Yours...

Only Logged in Users Can Post Reviews, Login Now