कैयोडी जचै मौकै पर | Kayodi Jack Smoke Par  

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Kayodi Jack Smoke Par   by जतनलाल दूगड़ - Jatanlal Dugad

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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आ आई बहू आयो काम, गई बहू गयो काम। (कोई भी काम किसी भी व्यक्ति विशेष के भरोसे नहीं रहता) आई ही छाछ लेवण नै - घर दी धणियाण्णी हू बैठी। (दूसरे पर अनाधिकार जताना) आकाद्य स्यं पङ्यौ - खजूर में अठक्यो। (एक समस्या के सुलझने से पहले दूसरी मे उलझ जाना) आखडइूयां चेतो हुवै। (गलती से सीख मिलती है) आखड्या जिसरी लागी कोनी | थोडे नुकसान से टल জালা) आखड्या सो पड्या कौनी। थोडे नुकसान से टल जाना) आगम बुद्ि बाणियौ, पिम बुद्धि जाट। तुरन्त बुद्धि तुटकडो, बामण सपटमपाट। बनिया पहले सोचता हे. जाट बाद मे. मिया तुरन्त सोचता है व ब्राह्मण सोचता नहीं) आग म घी घाल्यास्यूं आग कीनी बुझे। (कुवा बोलने से झगडा समाप्त नहीं होता) आग लागै जणै कुओ खोदि। (विपदा सिर पर आने के बाद हाथ पाव मारना) आगे तो बाबी जी गोरा घणां, ऊपर स्यूं लगा ली राख। (बिगाड़ मे बिगाड) 15 टाटा फ//।। ऊैयोडी जचै मीर्क




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