तुलनात्मक समाजशास्त्र पर निबंध | Tulnatmak Samajshastra Par Nibandh
श्रेणी : साहित्य / Literature
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
3 MB
कुल पष्ठ :
140
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)समाजशास्त्र और समाज-मानवशास्त् 7
जातियों के हैं। स्वयं उनके अपने समाजों को ऐसे अध्ययनों की कभी भी आव-
श्यकता नहीं पड़ सकती ॥* उन्होंवे कहा कि “यही कारण है कि ब्रिटेन ने अति
विख्यात और उद्भट मानवशास्त्री तो दिये हैं, परंतु समाजशास्त्री एक भी नहीं ।”
भले ही यह कथन सर्वथा न्यायसंगत न हो, फिर भी इसने इस तथ्य की ओर ध्यान
आकृष्ट किया था कि ब्रिटेन में वही व्यवित समाजशास्त्री होगा जो ब्रिटेन के
समाजों या उनके सदृश समाजों का अध्ययन करता है; और सामान्यतः बह उस
व्यवित से बहुत अधिक भिन्न होगा, जो “नेटिव” समाजों का अध्ययन करता है।
औपनिवेशिक शासन अनिवायंत: इस विचार को प्रक्षेपित करता है कि शासन
करने वाले देश के रीति-रिवाज और सस्थाएँ उपनिवेशों के रीति-रिवाज और
सस्थाओं से मूलतः भिन्न होते है ॥ जो अपने समाज का अध्ययन करते है और जो
अन्य संस्कृतियों का अध्ययन करते है--इन दोनों के मध्य जो अंतर है वह इसी
विचार का एक दृष्टांत है। यह कोई इत्तफाक नहीं है कि यह् विचार औपनिवेशिक
युग में अपने चरमोत्कर्प पर था। ओपनिवेशिक युग के समाप्त होने के साथ,
ब्रिटेन में समाजशास्त्री तथा मानव-समाजशास्त्री एक-दूसरे के निकट आना शुरू हो
हूँ 1
ओऔपनिवेशिक शासन ही एकमात्र ऐसी स्थिति नहीं है, जो समाजों के मध्य
स्थित विभेदों को प्रकाश में ला रही है। सयुक्त राज्य अमेरिका में इस स्थिति
को, प्राथमिक रूप से एक ही देश मे, दो भिन्न प्रकार की सामाजिक और
सांस्कृतिक व्यवस्थाओ के सहअस्तित्व ने सभव वना दिया था | औद्योगिक नगरों
की दुरूह, तकनीकी तौर पर उन्नत तथा विकसित और सशक्त रूप से उद्यमशील
सभ्यता और जनजातियों की आबादियों की प्राकू-शिक्षित, तकनीकी दृष्टि से
पिछड़ी तथा भ्रियमाण सस्कृति के मध्य स्थित वेपम्य के समान सुतोक्षण बैपम्य
अन्यव्र दुर्लभ है। इसी वैँपम्य से, संयुक्त राज्य अमेरिका में, समोजशास्त् औरं
सामाजिक या सस्कृतिक मानवशास्त के मध्य विभेद उत्पन्न हुभा 1
बोआस (8099), क्रोइवर ६7०८०८२); लोईं (01.०५1) जसे वौसवीं शताब्दी के
पूर्वाद के महान अमेरिकी मानवंशास्त्रियों ने अमेरिकी इंडियन जनजातियों के *
अध्ययन मे अपने आपको लगा दिया था । ये जनजातियाँ अपनी वंस्तियों में, जहाँ *
वे विशेष स्थितियों में रहती थी, सबसे अलग-थलग थी । ये स्थितिरया--न केवल
उन स्थितियों से पृथक् थीं, जो औद्योगिक शहरों मे थी, वरन् उन स्थितियों से भी
भिन्न थी,' जिनमे 'यूरोपियनों के आने के पूर्व अमेरिकी इंडियन रह चुके थे ।
अमेरिकी मानवशास्त्रियों द्वारा सस्कृति-विशिप्टंता के अध्ययंन की ओर सबसे -
पहले लगने का कारण यही था कि जिन लोगों के उन्होने अध्ययन किया था,
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खा 4८1॥125, रिएणा०त8० 306 52502], 1962.
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