अष्टछाप काव्य का सांस्कृतिक मूल्यांकन | Ashathchhap - Kabya Ka Sanskritik Mulyankan
श्रेणी : साहित्य / Literature
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
94 MB
कुल पष्ठ :
619
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)( १४ )
पालागन--१८२, प्रणाम या प्रनाम--१८३, जुहार, हाथ जोड़ना और बिनती
करना, आशीर्वाद के विविध रूप, आशीर्वाद या असीस--१८४, आलिंगन
करना (कंठ लगाना), प्रीति जनाना--१८०, पत्र-संबंधी शिष्ताचार--१८६ |?
(घ) उत्सव तथा संस्कार--श८७, जन्मोत्सव--१८६, जातकर्म और
जन्मोत्सव--१६ १, छटी-- १६५) नामकरण--१६८) निष्कमण, अन्नप्रासन
-- १६६; वपगोँठ--२००; चृडाकमे, कणंवेध--२०१; उपनयन (यज्ञोपवीत)
--२०३, वेदारंभ, विवाह--२०४, वर-प्रेज्ञएण---२०७, सग्राई या मँगनी
ओर वारदान, सगाई---२०८, वागदान, निमंत्रण---२०६, मंडपकरण---२१०,
हल्दी-तेल चढ़ाना, वर की सजा--२११, कंकण-बंधन, देवी-पूजन--२१३, `
वधू-यहागमन, मधुपक--२१४, विवाह, पाणिग्रहण, गठबंधन--२१५, ৯.
अगिन-प्रदक्षिणा, कंकश-मोचन---२१६, जुआ खेलना---२१७, गाली गाना;
न्यौछावर देना या यूर बाँटना, विदा--२ १८, दायज या दहेज--२२०; णह-
प्रवेश, अंत्येप्टि---२२१, समीक्षा--२२५ |
<. ५. सामाजिक जीवन-चिच्रण रत ..... २२७-४१३
(क) सामाजिक व्यवस्था, वर्णु-व्यवस्था--२२६, अष्टछाप-काव्य में
वणु-व्यवस्था-संवंधी - उल्लेख--२३१; वब्राह्मएण--२३२, क्षत्रिय---२३४,
शूद्र, आश्रम-व्यवस्था---२३५, ब्रह्मचयांश्राश्रम - चर्चा--२३ ६, यहस्थाश्रम
चर्चा, यानप्रस्थाश्रम चर्चा, सन्यासाश्रम चर्वा--२३ ७1
(ख) अष्टछाप-काव्य में मनोविनोद---२३७, बाल्यावस्था के खेल
ओर मनोविनोंद--२३८, कम दोौड्-धूप के खेल--२३६, दोड-बूप के खेल,
आँखमिचोनी---२४१, छुआ-छुओवल--२४३, कृक्षारोहए--२४४, बेल-
बेल, कंदुक-क्रीड़ा---२४५, चौगान-बटा--२४६, अन्य खेल, पतंग--२४७,
कहानी सुनाना, पहेली-बुकोवल--२४८, शर-क्रीडा, बालिकाओं के खेल
“२४६, युवकों के खेल, साहस के खेल, चौगान--२५०, मल्लयुद्ध--२४२,
मुगया--२५४, बौद्धिक दाँव-पेच के खेल--२५५, बुत-क्रीडा--२५७, कला-
कौशल के खेल---२५६, मनोर॑जन के अन्य साधन, कुंज-विहार-- २६०, जल-
विहार--२६१, पशु-पक्तियों से क्रीडा---१६४, नट-विद्या, समीक्षा--२६५४ ।|
(गू) परवोत्सिव--२६६, ऋतूत्सब, फूलमंडली---२६७, हिंडोरा--२६८,
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