शिक्षक पुरुस्कार | Shikshak puruskar
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
335 KB
कुल पष्ठ :
78
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)स्व० श्री हरकचन्द,
प्रधानाध्यापक,
राजकीय प्राथमित्रा विद्यालय न० १,
छापर (चूरू)
ग्रायु 51 वर्ष, सेवा 29 वर्ष
विर योग्यता में मिडिल पास होते हुए भी स्व० श्री हरकचन्द ने प्रायमिक वक्षाप्रो के शिक्षण से
भ्रमूवे प्रशमा प्रजित बी । पाठन्योजना बनाने, दवाई के लिए सहायक-सामग्री स्वय तेयार
करने शोर इस प्रकार रोचक ढगे से वालकों के समक्ष पाठ प्रस्तुत करने से ग्रापफरा सदव विश्वास
रहा। भापके विद्यालय में ग्रविभक्त इकाई-योजना का सचालने कापीलुद्ध वैज्ञानिक विधि से सम्पत्त
होता रहा ।
25 वर्षो तक भाप एक ही विद्यालय में गेवाएँ देते रहे । भरत एक झोर शंक्षित्त समुन्ननन के लिए
प्रापने प्रणसनीय वाय किया तो दूसरी झोर शाला के भौतिक विकास में भी कॉोर्जमर नहीं
छोडी । अपने व्यक्तिगत प्रयासों से भापने शाला-भवन वे लिए 35,000 रुपये जन-सहयोग से प्राप्त
दिष् पौर धावश्यवना षी गारौ वस्तुएं शाला में जुटाई |
'छूल चलो शभियान' में भी घापने विशेष रुचि लेकर छात्र-सस्पा में भ्रमीम वृद्धि बी । समुदाय से
धापत्ा विशेष सम्मान रहा तथां झापते रसूल वा विशेष কান | হিনা 13-8-75 को प्रायश
झावशस्मिक निधन हो गया ॥
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