कवि पंत और उनकी छायावादी रचनाएँ | Kavi Pant Aur Unaki Chhayavadi Rachanaen

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Kavi Pant Aur Unaki Chhayavadi Rachanaen by पी॰ आदेश्वर राव - P॰ Adeshwar Ray

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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৫৭1 नच्देद विवप प्म जीवा दस्त ओर स्यकश्तित्व जीवन वृत्त को आवश्यत्र ता, जन्म ओर प्रारम्भिक शिक्षा, खूल- जीवम और बविन्जीवन का आरम्भ प्रालेज-जीवबन और कवि वा प्रपप उत्थान, कवि-जीवन मे सपर्ष और आधिक सकट, कवर सुरेशसिह णशे परिचय ओर बालाशाकर वा जीवन, चचल अवस्थित जीवन ओर रेडियो मे पदापंण, व्यक्तित्व और स्वभाव । दितोय दम्त को छापायादोी रखनाएं और उनके ड्यवितत्य इ1 श्रमिक विफास बीणा, पग्रन्यि, पहलव মুল, ज्योत्स्ना (भावात्मक नाटक), युगार्त ॥ सुताय स्बच्छन्दतावाद और छापावाद १६वी धाताब्दी मे स्वच्छर्दतावाद का प्रादुर्भाव, स्वच्छ-दतावाद को प्रमुख विशेषताएं, २०बी शताब्दी का आरम्म और छायावाद, द्ायावाद का स्वह्प-निरूपण, द्ायावाद लौर स्वच्छन्दतावाद का पारस्परिक सम्बन्ध छायाबाद और स्वच्छन्दतावाद का भेद । चतुर्थ दधापावाद को प्रमुख विशेषताएं विषयगत प्रवृत्तियाँ (नारी सौन्दर्य और प्रेम का चित्रण, प्रकृति- सौन्दयं और प्रेम-ब्यज्षणा, अलौजिक प्रेम या रहसस्‍्थवाद का निह्पण), विचारात प्रवृत्तियाँ (दर्शन के क्षेत्र मे बढ तवाद व सर्वात्मदाद, धर्म के क्षेत्र भे रूदियों गे मुक्त ष्यापक मानव-हिते- बाद, समाज के क्षेत्र मे समन्दयवाद, साहित्य के क्षेत्र मे ब्यापक बलावाद ओर सोन्दर्यदाइ), शंजोगत प्रवृत्तियाँ (मुब॒तक गोतशेली , प्रतीकत्मक्ता, प्राचीन एव नवीन अलकारों का प्रचुर प्रयोग, कोमल-बास्त सम्हत शब्दावली का प्रयोग) 1 विषयानुक्रमणिका 0 पृथ्ठ-सहया १ = & १०-४० ২০ ५१-६२




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