बृहत् सामयिक पाठ | Briht Samayik Path

55/10 Ratings. 1 Review(s) अपना Review जोड़ें |
Briht Samayik Path  by मूलचंद किसनदास कपाडिया -Moolchand Kisandas Kapadiya

लेखक के बारे में अधिक जानकारी :

No Information available about मूलचंद किसनदास कपाडिया -Moolchand Kisandas Kapadiya

Add Infomation AboutMoolchand Kisandas Kapadiya

पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

(Click to expand)
३२ ३३ ३८ ४९. खा युद्धिपत्र अशुद्ध . चह संस्थाप्प शीघ्र मंगलब्घ खर्र ऽप्भम्मि मामाप्यते क्षयाथ भयर्यताण অং হা मपक्षणानां चडमाण बल णिकार्ल . शद्ध कह संस्थाप्य शीघं भंगलब्ध ऊगेंद्र उच्छमि माप्यते क्षयार्थं भययंताणे শক: चेंदन मपीक्षणानां चडमाण च টু चले णिच कात




User Reviews

No Reviews | Add Yours...

Only Logged in Users Can Post Reviews, Login Now