अष्ट छाप - पदावली | Astchhap Padavali
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
3 MB
कुल पष्ठ :
257
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)१०
सूरदास
देखि सुख मजनारि हरि संग अमर रहे झुलाई।
০ ৮ [= বা, জি च
र प्रथु के चरति अगणित बर्णि कापै जाई ॥
२१
श्यामा श्याम सुभग यद्टूता जहनि भ्रमि करत विहार ।
पीतं कमल इन्दीवर मान्यो भोरहि मये निहार ॥
श्रीराधा अँबुज करं मरि भरि छिरकति बारंबार ।
कनकरुता मकरन्द श्वत मानो हालत पौन संचार ॥
अतसी कुसुम कलेवर হই प्रतिविमितं मनोहर ।
ज्योति प्रकाश सुधन में खेलत स्वाति सुमन आकार ॥
ঘাহ घेरे दृपभालु सुता हरि सोहे सकल धंगार।
प्रिद्युत् जलद सर मानो धु भिि अवत सुधा की धार ॥
र्
आजु बनो प्रिय सूप अगाध |
पर् उपकार श्याम तच धारो परवत सब मन साध ॥
धर्मनीति यह कहौ पढ़ी जू हमहूँ बात सुनावहु।
कहो कहाँ काको सुख दीन्दों काहे न प्रकट यतावहु
ঘানি उपकार करत डोलत हो आजु बात यह जानी ।
खर इयाम गिरिधर युण नागर अग निरखि पहिचानी ॥
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