भारतीय ज्योतिष विज्ञान | Bhartiya Jyotish Vigyan
श्रेणी : ज्योतिष / Astrology, साहित्य / Literature
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
3.97 MB
कुल पष्ठ :
134
श्रेणी :
यदि इस पुस्तक की जानकारी में कोई त्रुटि है या फिर आपको इस पुस्तक से सम्बंधित कोई भी सुझाव अथवा शिकायत है तो उसे यहाँ दर्ज कर सकते हैं
लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)मार्ग खराब दशा मे है या किमी 17 व 18 के बीच टूटी हुई पुलिया
है। कोई भी वृत्ताकार मार्ग कुल 360” का होता है, अत इसे 12
बराबर भागों में बॉटने पर प्रत्येक भाग 30 का. होगा। पृथ्वी के
परिपथ मे जो बारह भाग माने गए है उन्हे ही ज्योतिष विज्ञान मे
बारह राशियों के रूप मे जाना जाता है | प्रत्येक राशि पृथ्वी के घूमने
के मार्ग मे 30 के भाग से होती है। राशियों के नाम उनकी डिग्री
(अश) सहित इस प्रकार है--
डिग्री (अंश) राशि का नाम
| (हिंदी में)
राशि का नाम
(अंग्रेजी में)
1 0-30 छि5
2 31-60 पा रिए 15
3 61-90 (५201 ९]
थे 91-120
5 120-150 1.६0
6 151-180 दे 123 की
रॉ 181-210 जिस
8 211-240 50080
9 241-270
10 271-300.
1 3उ01-330 (0
331-360
राशियों के स्वामी ग्रह : यद्यपि खगोल विज्ञान के अनुसार सूर्य एक
नक्षत्र है और पृथ्वी, मगल, बुध, शनि, बृहस्पति, शुक्र आदि उसके
ग्रह हैं तथा चद्रमा पृथ्वी का उपग्रह है, परतु ज्योतिष विज्ञान मे हम
क्योकि पृथ्वी पर उसके समीप के आकाशीय पिडो के प्रभाव का
अध्ययन करते हैं, अत. पृथ्वी के समीप के सभी आकाशीय पिडो,
यथा-सूर्य, चद्र, मंगल, बुध, बृहस्पति, शुक्र, शनि आदि के लिए
सामान्य नाम ग्रह का प्रयोग किया जाता है। यह परंपरा चली आ
हि + भारतीय ज्योतिष विज्ञोनि के
User Reviews
No Reviews | Add Yours...