उपन्यास सिद्धान्त | Upanyas Siddhant
श्रेणी : उपन्यास / Upnyas-Novel, साहित्य / Literature
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
2 MB
कुल पष्ठ :
76
श्रेणी :
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लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)हम दैनिक जीवन मै देखते रहते ह श्रौर उन्हें उपन्यास मे पढ़ कर
उनकी सत्यता पर संदेह करना हसारे लिये कठिन हो जाता दै ।
इतिहास में' केवल दृश्य-धटनाश्रों का द्वी वर्णन होता दहै; छिन्त
उपन्यास मे पान्नों के भावों और बिचारों का मी चित्रण किया जा
सकता है | इतिद्दासकार केवल इतना कद्द सकता है कि अ्रस्ुक व्यक्ति
श्रमुक परिस्थितियों मे उलमः गया; डिन््तु उपनस्यासकार इसके आगे
यह मी जोड़ सकता है कि उस समय ठस व्यक्ति के हृदय में अमुक २
- प्रकार के साथों भौर विचारों का वअम्तहेन्द्र मचा | निष्कर्प यह निकला
कि इतिहास और उपन्यास के बीच कफ्फना की विभाजक रेखा है,
नहां वस्तु-सत्य सात्र होता है वह इतिद्दास है और जहां कल्पना मिक्षित
सस्य दता दै वह उपन्यास है | दंतिहदास का सम्ब्ध केवक्ष ब्यक्त से
३ जव कि उपन्यास का श्रव्यक्त से भी |
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