जैन धर्म का मौलिक इतिहास (प्रथम भाग) | Jain Dharm Ka Maulik Itihas (Pratham Bhaag)
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
38 MB
कुल पष्ठ :
759
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)( शरण )
राजकुमार जमालि की दीक्षा ২০৯
केवलीचर्या का तृतीय वर्ष = ४०६
जयन्ती के धामिक प्रश्त न ४०६
भगवान् का विहार और उपकार भ - ४०७
केवली चर्या का चतुथं वपं বি ४०७
शालिभद्र का वैराग्य ४०
केवलीचर्या का पचम वपं . ४०६
` संकटकाल मे भी कत्परक्षा्थं कल्पनीय `
त्तकं का परित्याग ... ४०६
केवलीचर्या का छठा वषं । = ~+ कर
पुद्गल परिव्राजक को वोध_ , ४ ४१०
केवलीचर्या का सातवां वषै <~ `, ,४१०
कैवलीचर्या का आठवा वषं , :--(.. 7. .: ४१२
केवलीचर्याकानवम वषे ,- --, ~; “+ .. ४१२
.केवलीचर्या का दशम वर्ष === = হৃদ
` करेवलीचर्या का ग्यारहूवां वषं ~ ,, ˆ .. ०१. ४१४
स्कदक कै प्रष्नोत्तर « ,, ~ = ~ ४११
केवली चर्या का वारहूवां वषे , ~ ~ , ५१६
केवली चर्या का तेरहूवा वषं ` ५ , ४१७
केवलीचर्या का चौदहुवां वर्षं ॥ ४१७
काली आदि रानियोको वोध ५७७५, , , 7, -डश्८
, केवली चर्या का पन्द्रहुवां वपं र ৮৪৪. शद
गोशालक का श्रानन्द मुनि को ^
भयभीत करना পচ है, ७४ সহি
आनन्द मुनि का भगवान् से समाधान :-,, ~` ४२०
गोशालक का आगसन हु ২০
सर्वानुभूति के वचन से गोशालक का रोप : . ५ ष्च
गोशालक की अन्तिम चर्या “४२३
शंका समाधान 167 = » সনি
भगवान् का विहार ग ~ , „५, . '४२५
भगवान् की रोग-मुक्ति ष्पे) हि ४२६ চা
कुतकेपूरों भ्रम , ১১5 টু ४२७
गौतम की जिज्ञासा का समाधान ~ 1. ४३२
केवलीचर्या का सोलहवा वर्ष ; , - ४३२
~ केशी-गौतुम मिलन ५४ « ४३३
- शिव राजधि .., ২, »« ४३६
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