चुम्बकत्व और विधुत् | Chumbkatv Aur Vidhut

55/10 Ratings. 1 Review(s) अपना Review जोड़ें |
Book Image : चुम्बकत्व और विधुत् - Chumbkatv Aur Vidhut

लेखक के बारे में अधिक जानकारी :

No Information available about डॉ. निहालकरण सेठी - Dr. Nihalkaran Sethi

Add Infomation About. Dr. Nihalkaran Sethi

पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

(Click to expand)
6 चुम्बकत्व और विद्युत्‌ [ 1:05 और भौगोलिक उत्तर की दिशाओं में जो अन्तर है वह भी सवंत्र एक सा नहीं है । उसका परिमाण पृथ्वी के भिन्न-भिन्न स्थानों पर भिन्न-भिन्न है। জল: গজ লাই নদী छोड़ कर दिक-सूची की समस्या का कारण पृथ्वी ही पर ढूढ़ना आवश्यक हो गया | अवध्य ही उत्तर दिद्या में कोई कारण है जो चुम्बक के उत्तर ध्रुव को अपनी ओर आकर्षित करता है और दक्षिण দন को प्रतिकर्षित । अथवा दक्षिण दिशा में कोई ऐसी वस्तु है जो दक्षिण ध्रव को आकर्षित ओर उत्तर ध्रव को प्रतिकर्षित करती है यह तब ही सम्भव है जब हम यह मानें कि पृथ्वी में भी चुम्बकत्व हैं और उसका एक थ्र॒व उत्तर में स्थित हैं और दूसरा दक्षिण में। इस विशाल चुम्बक के आकर्षण तथा प्रतिकषंण ही के कारण प्रत्येक चुम्बक उत्तर-दक्षिण दिशा में ही आकर ठहर सकता है। चुम्बकों के दिकू-सूचन गुण का अवश्य यह भू-चुम्बक ही कारण है । इस भू-चुम्बक का उत्तर ध्रुव दक्षिण में अवस्थित हैं और दक्षिण श्रुव उत्तर में। यही बात बहुधा गड़बड़ पैदा कर देती है। पृथ्वी का भौगोलिक उत्तर ध्रुव तो उत्तर की ओर है और चुम्बकीय उत्तर ध्रुव दक्षिण की ओर | यदि प्रुवों का नाम उत्तराभिगामी तथा दक्षिणाभिगामी रक्खा जाता तो शायद इतनी गड़बड़ न होती । पृथ्वी के इस चुम्बकत्व का कारण क्या है ? क्या वास्तव में पृथ्वी के गर्भ में साधारण चुम्बकों जैसा ही किन्तु कई सहस्र मील लम्बा चौड़ा कोई चुम्बक विद्यमान है ? ऐसे चुम्बक का अस्तित्व संभव भी है या नहीं ? इसके अतिरिक्त भू-चुम्बकत्व का और भी कोई कारण हो सकता है या नहीं ? इस ही प्रकार के अनेक प्रश्न उत्पन्न हो सक्ते हँ । इनका उत्तर इस स्थान पर नही दिया जा सकता । आगे चलकर यथास्थान इन पर विचार किया जायगा । {*06--धुबो के प्रथक्‌-करण की संभवत । अब तक जितने भी चुम्बकों का वर्णन किया गया है उन सब में उत्तर तथा दक्षिण दोनों ध्रुवो का अस्तित्व बत- लाया गया है । किन्तु क्या यह सम्भव नहीं हैं कि किसी चुम्बक के एक ही श्लुव हो ? यदि हम किसी भी दो श्र॒वों वले चुम्बक को बीच में से काट कर परीक्षा करें तो क्या एक भाग मे केवल उत्तर ध्रुव और दूसरे में केवल दक्षिण ध्रुव न मिलेगा ? यद्यपि ऐसा मालम होत। हैं कि अवश्य ऐसा ही हो जाना चाहिए तथापि वास्तव में ऐसा होता नहीं । दो टुकड़े होते ही प्रत्येक टुकड़ा अन्य चुम्बकों की भाँति ही पूर्ण चुम्बक बन जाता है, और प्रत्येक में उत्तर तथा दक्षिण दोनों ध्रुव पैदा हो जाते है । यही नहीं उस चुम्बक के जितने चाहे टुकड़े कर डालिए प्रत्येक टुकड़े का एक सिरा




User Reviews

No Reviews | Add Yours...

Only Logged in Users Can Post Reviews, Login Now