जैन धर्म का संक्षिप्त इतिहास | Jain Dharm Ka Snakshipt Itihas

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Jain Dharm Ka Snakshipt Itihas  by तेजसिंह गौड़ - Tejsingh Gaud

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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“महाराज चेटक २३६, सेनापति सिहभद्र २३७, चण्डप्रद्योत २३७, महा- रजा उदायन २३८, महाराज श्रेणिक २३८, संत्रीडवर अभयकुमार २४०, कुशिक अजातशत्रु २४१, उदयिन २४३, अन्य तत्कालीन नरेश्च २४३, महाराज जीवंधर २४४, दसं श्रावक २४४, गाथापति आनंद २४४, श्रावकं कामदेव २४६ श्रावक चलनी पिता २४७, श्राचक सुरादेव २४७, श्रावक चुल्लशतक २४८, श्रावक कुण्डकौलिक २४६, श्रावक शकडाल- पुत्र २४६, श्चावक्‌ महाङशतक २५०, श्रावक नंदिनीपिता २५१, श्रावक सालिही पिता २५२. | (1) संदर्भ ग्रंथादि की सूची २५३ (1) ज्यध्वज प्रकाशन समिति के ग की नामावली २५७




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