राष्ट्रनिर्माता मु सो लि नी | Rashtranirmata Musolini

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Rashtranirmata Musolini by चंद्रशेखर शास्त्री - Chandrashekhar Sastri

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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६६ राष्ट्रनिमाता मुसोलिनी पैर न फैलाने का बचन देकर मेंनेलिक से अपने कदी छुडा लिए । किन्तु जैसा कि आगे दिखलाया जावेगा इटली इस अपमान को न भूला और सन्‌ १९३६ ई० में उसने इसका भयंकर वदला लेकर ऐबीसीनिया को पूरे तौर से अपने राज्य में मिला लिया। रूडीनी देश मे शान्ति स्थापित करने का यत्न कर ही रहा था कि १८६८ में इटली के कई भागों मे फिर विद्रोह हो गया। मिलन का विद्रोह तो अत्यन्त भयंकर था । इन सव विद्रोहों का कारण जनता की निर्धनता ओर अधिक कर-भार था। किन्तु तौभी इनको अत्यन्त कठोरता से दबा दिया गया । राजा विक्टर एमालुएल तृतीय ( सन्‌ १६०० से) इसी समय बेरी नामक एक अराजक संयुक्त राञ्य अमरी- काके न्यू जर्सी (জম ০5০৮ ) नाम के राज्य के पेटसंन (2680४) नामक नगर मे रहता था । चद वहां से राजनीतिक हत्या के उदेश्य से चल कर इटली आया । उसने २९ जुलाई सन्‌ १९०० को राजा हस्बटे प्रथम कौ हत्या कर दी। अतः उसके पश्चात्‌ उसका पुत्र राजा विक्टर एमातुएल तृतीय इकत्तीस वषे की अचस्था मे गदी पर बैठा । आपका जन्म सन्‌ १८६९ ई० की ११ नवम्बर को और विवाह अक्तूबर १८६६ मे मांटीनीमो की भिंसेस एलेन के साथ हुआ था। आपका आरम्भिक जीवन सेना में व्यतीत हुआ था । आपकी शिक्षा बड़ी अच्छी हुई थी। अतएव आपने शीघ्र ही प्रजा हित के अनेक कार्य करके प्रजा के मन को मोह लिया। आप




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