जहाँ फूल खिलते हैं | Jahaan Fool Khilte Hain

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Jahaan Fool Khilte Hain by अज्ञात - Unknown

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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इजरा मसरूर मध्यम वे कै एक घराने भे, एक युवा माता तथा रिक्षा समाप्त करके नौकरी की प्रतीक्षा में बैठे हुए पिता के घर तीसरी' बेटी के रूप में मेरा जन्म हुआ । यह मूखेता (जो मेरे वच्ष में न थी) मुझसे पुराने लखनऊ के एक पुराने-से घर में हुई थी । जिस प्रकार हमारे यहां के करोडों बच्चों का बिना किसी चाव-चोंचले के पालन-पोषण होता है, उसी प्रकार मेरा भी हुआ। पग्रिता सरकारी नौकरी में थे इसलिए बचपन यू० पी० के छोटे-बड़े क़स्बों में गुजरा । मेरी माता जहां साहित्यिक पत्रिकाएं और पुस्तकें पढ़ती, दर




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