भारत में उर्वरक उद्योग के विपणन की समस्याएं एवं समाधान इफको के विशेष सन्दर्भ में | Bharat Me Urbarak Udayag Ki Vipanan Ki Samsyaen Evm Samadhan Ifko ke Vishesh Sandrbh Me
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
22 MB
कुल पष्ठ :
299
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)प्राक्रआन
इफको अपने उत्पादों का विपणन मात्र सहकारी तंत्र के मध्यम
से करती है, ताकि उसके उत्पाद देश के दूर-दराज स्थिति इलाकों में तो
पहुंचे ही, साथ ही साथ सहकारी तंत्र भी मजबूत ढो। विपणन क्षेत्र में
इफर्कों ने अपने तमाम पिछले कीर्तिमार्नों को तोड़कर नए कीर्तिमान
बनायें हैं। वर्ष 1999-2000 के दौरान इफको ने 35.05 लाख टन के
यूरिया की बिक्री के अपने पिछले रिकार्ड को पीछे छोड़ते हुए 36.03 लाख
टन यूरिया की बिक्री की, जो कि अब तक की सर्वाधिक कुल बिक्री है।
इफको की विपणन नीति तय करते समय उपभोक्ताओं अर्थात् किसार्नो की
आवश्यकताओं को प्रमुखता प्रदान की गई है जो विशाल सहकारी तंत्र के
माध्यम से उत्तम किस्म के उर्वरकों की समय से आपूर्ति सुनिश्चित करती
है। वर्ष 1996 में इफको के विपणन प्रभाग को उर्वरकों के विपणन,
सहकारिता को मजबूती प्रदान करने और किसान एवं ग्रामीण समुदाय को
विशिष्ट सेवाओं के लिए आई एस ओ 9002 प्रमाण-पत्र प्राप्त हुआ है।
मैंने अपने शोध-प्रबन्ध में भूमिका, उर्वरक उद्योग, इफको का
परियय, भारत मे सहकारी विपणन की प्रगति एवं वर्तमान स्थिति, उर्वरक
उद्योग का विपणन, इफको का उत्पादनं एवं विपणन तथा निष्कर्षं सहित
कुल सात अध्यायों का समावेश किया है।
मैं सर्वप्रथम अपने शोध निर्देशक मृदुभाषी ভা एच0०के0० सिंह,
वाणिज्य एवं व्यवसाय प्रशासन विभाग, इलाढाबाद विश्वविद्यालय, इलाहाबाद
के प्रति अत्यन्त आभारी हूँ जिनके अमूल्य निर्देशन, स्नेहशीलता, सहयोग
एवं प्रेरणा के परिणामस्वरूप ही मैं अपने इस शोध कार्य को पूर्ण कर
सका।
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