कथा शुरू होती है | Katha Shuru Hoti Hai
श्रेणी : काव्य / Poetry
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
368 KB
कुल पष्ठ :
82
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)उस सिर को चाहे
शिखर से लुढ़का दीजिए
चाहे
मैदान में रखवा दीजिए
कोई फर्क नही पड़ता
चाहे गड़वा दीजिए 1
जख्मी होते हए
टूटते आकाश को 1
बीयू द्वारा
[बीसू की पहचान, पांच पेट /
রত उसके, वीची वच्चे] “
भुजाओं पर मेलते
शीने षर सहेजते मौर -- का
आदिस्ता हर
आहिस्ता « ५
धरती पर रस
एड़ी से छुचलते देखा
देषा
ऐसे में
बीमू को होते जस्मी
और परती को सहूजुह्यन
कदा घुरू होगी है / 17
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