सोनभद्र की आदिवासी जनजातियों की भाषा | Sonbhadra Ki Aadivasi Janjatiyon Ki Bhasha
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
15 MB
कुल पष्ठ :
179
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
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इन्हे नीम ऋषि कहा गया। भगवान शंकर रोज जंगल में लकड़ी इकट्ठा करने जाया करते थे । जिनके वरदान से
नीम ऋषि के वंशज प्रसिद्ध हृए । कुक के अनुसार इस कथा का प्रचलन भूहियार व मुसहर में आज भी प्रसिद्ध
हे। 1
इस प्रजाति के शरीर रचना के संबंध मेँ कर्नल डल्टन की रिपोटं महत्वपूर्णं है । वे लिखते है - “ इस जाति के
लोग काले भूरे रंग के होते हैं। आनुपातिक रूप में यह जाति थोड़े चपटे चेहरे वाली होती है। लम्बाई मध्यम कद
की, उगुलियां कठोर तथा पहाड़ी जाति के लोगों की तरह कठोर मांसपेशियों वाली। जहाँ तक मिर्जापुर एवं
सोनभद्र मेँ इस जाति का संबंध है यह आठ कुलों में विभाजित है-
1. तिरवाह 2. मगहिया 3. दंदवार 4. महतवार
5. महतेक 6. मुसहर 7. भूडहार 8. भूइयार
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इस जाति की अपनी एक जाति -पंचायत है, जो भद्यारी नाम से प्रसिद्ध है तथा इस पंचायत का अध्यक्ष
पारिवारिक उत्तराधिकार के कम में एक व्यक्ति होता है, जिसे महतो कहते है। सामान्यतया खानपान जैसे प्रकरणों
के लिए ही यह पंचायत बेठती टे, या जब किसी सहजातीय के बीच में यौन संबंध की शिकायत पंचायत में कोई
करता है। कुक का कहना है कि यह जाति विवाह के, लड़की ढूंढ़ने कभी दूर नहीं जाती। इस संदर्भ में इस जाति
की सारी उपजातियां वैवाहिक संदर्भो में समान स्तर की हैं। यदि कोई व्यक्ति एक से अधिक पत्नियों का भरण-
पोषण कर सकता है और उसका मूल्य चुकाने में सक्षम है ,तो वह पत्नियों रख सकता है जो एक ही घर में
अलग - अलग कमरों में निवास करती है। 2 सोनभद्र के आज के समाज में यह विभेद संकीर्ण हो गये हैं
तथा वहुपत्नीत्व की प्रथा सामान्य नहीं है। इस जाति में तलाक, विधवा विवाह जैसी प्रथायें भी प्रचलित है। पुत्र
के जन्म के समय नार काटना, सउर, छठी, बरही जैसी प्रथायें इनमें स्थानीय सवर्णों की तरह आज प्रचलित है।
विवाह के प्रकरण में लड़की की खोज लड़के का पिता करता है,जिसे जाति का प्रधान महतो अपने साथ कुछ
लोगों को लिवा जाकर स्वीकृति प्रदान करता है। चौक पूरने की प्रथा इनमें भी है। विवाह तय होने पर अक्षत
छिड़क कर उसे समर्थन दिया जाता है। विवाह के समय मटमंगरा, टीका, तेल - हरदी, पोखरी, मांगर जैसी
लोक प्रथायें इस जाति में सामान्य हैं। विवाह में सिद्ध के पेड़ का मंडप में होना आवश्यक है। भुट्यां धार्मिक रूप
1. 771095 & 55515 01075 10107 ४४8७४ 17012 - (000७8, 2048 71, ¬81 |
2. [1785 & (568 ०01 4011 ५५४65 17012 - (100118, 28086 74, ?िज्ञा | .
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