मनोविश्लेषण और उसके जन्मदाता | Manovishleshan Aur Uske Janmdata

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Manovishleshan Aur Uske Janmdata by सन्तोष गार्गी - Santosh Gargi

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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व ४० _मनोविश्लेषण और उसके जन्मदाता निर्वाह कठिन हो गया। पिता की आशथिक स्थिति पहले से ही कोई विशेष अच्छी न थी। इसके अतिरिक्त मार्था बनेज़--जिससे इन्होंने बी० ए० में ही विवाह-सम्बन्ध निश्चित कर लिया थां--भी अधिक देर तक प्रतीक्षा न करना चाहती थी। अत: वे ब्रके के परामर्शानुसार प्रयोगशाला से सम्बन्ध विच्छेद कर पदाभिल्ाषी के रूप में वियेना के मुख्य हस्पताल में कार्य करने लगे । वहाँ शीघ्र ही वे हस्पताल में दिन-रात रहने वाले छोटे चिकित्सक के पद पर नियुक्त कर दिये गए । यहाँ भी इन्होंने अपना एक उपयुक्त म मेनडं हूँढ निकाला --लिनकी अध्यक्षता में स्नायु-सम्बन्धी खोज के प्रयोगों में उच्च शिक्षा प्रारम्भ की । इन दिनों ये चिकित्सक के तौर पर बहुत श्रसिद्ध हुए ओर स्नाथवियों के शारीरिक रोगों पर बहुत से लेख प्रकाशित किये । मुख्यतः इन्हीं लेखों के आधार पर इन्हें सन्‌ १८८४ में स्नायविक रोगों का अध्यापक नियुक्त किया गया। इसके कुछ मास पश्चात्‌ नुक्र की सिफ़रिश पर इन्हें सफ़र करने के लिए कात्रगत्ति मिल गई जिस से थे पेरिस गये ओर वहाँ चारकोट के पास रहे। पेरिस का पागलखाना जीन मेरी चारकोट की अध्यक्तता में मानसिक रोगों के लिए यूरोप भर म विख्यात हो गया था दूर-दूर से रोगी निद्रा विभूत विधि (70669) द्वारा यहां हिष्टीरिया श्रादि मानसिक रोगों का इलाज करवाने आते थे । मानसिक रोगों की चिकित्स के विद्यार्थी बहु संख्या में विद्या प्राप्ति के लिए यहाँआते थे । जब फ्रायड यहाँ आये तो उनका यहाँ किसी से परिचय न




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