समायिक पाठ | Pure Thoughts
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
406 KB
कुल पष्ठ :
40
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)यी दशनशानसुखस्वभावः,
समस्तसंसारविकारबाह्मः |
समाधिगम्यः परमाप्मसंशः,
स देवदेवो हृदये ममास्ताम् ॥१३॥
भयको देखन जानन बाला सुख स्वभाव सुखकारी ।
मब विकारि भावो से बाहर जिनमे ह संसारी ॥
धान द्वार अनुभव में आवे परमातम शुचिकारी ।
শী परमदेव मम द्वदय तिष्ठो भाव तुभी में भारी ॥१३।
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