विकास की कहानी | Vishwa Ki Kahani
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
110 MB
कुल पष्ठ :
92
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
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अवश्य इतनी ही देर में आलोक ने पहिए और नतोदर दपंण से परावत्तित हो दा पर पड़ती हैं। यहाँ सेयेनिरी- `
के बीच की दूरी का दूना फ़ासला तय किया। अतः आसानी. क्षुक की दूरबीन में प्रवेश करती हैं |
से इस रीति से आलोक की गति आँकी जा सकती है। . इस प्रयोग का सिद्धान्त समझना कुछ विशेष कठिन नहीं. `
. फ़िज़ों के पहिए में ७२० दाँत थे। उसने देखा कि है| प्रयोग आरम्भ करते समय विभिन्न दपण तथा वूरदशक `
पहिए को उसे प्रति सेकएड १२६ बार घुमाना पड़ता इस प्रकार रक्खे जाते हैं कि आलोक-रश्मि अठपहल के
था; तब दपण/के, सराज़ में. ाइाा ाताकप | = दया ०.९. से पातित
~ पहली वार रषे दिखाई देता होकर अन्य समतल तथा नतो-
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दूरस्थ दपण से
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