1960 से 1980 तक के उपन्यास लेखन में स्त्री विमर्श का मूल्यांकन | 1960-1980 Tak Ke Upnyas Lekhan Me Stry Vimarsh ka Mulyankan
श्रेणी : साहित्य / Literature
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
23 MB
कुल पष्ठ :
295
श्रेणी :
यदि इस पुस्तक की जानकारी में कोई त्रुटि है या फिर आपको इस पुस्तक से सम्बंधित कोई भी सुझाव अथवा शिकायत है तो उसे यहाँ दर्ज कर सकते हैं
लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)सम्मेलन संग्रहालय ( प्रयाग) एवं भारती भवन पुस्तकालय (इला0) प्रमुख हैं।
में उपर्युक्त प्रकाशनों के प्रकाशकों एवं पुस्तकालयों के प्रवन्धाधिकारियों तथा
संग्रहालय क समस्त कर्मचारियों तथा संग्रहालयाध्यक्ष की आभारी ह, जिनक सहयोग के
अभाव मं अध्ययन सामग्री का व्यवस्थित संकलन असंभव धा]
उन सभी भाषाओं के देशी विदेशी चिंतकों, लेखकों, विद्वानों, मनीषियों, समीक्षकों,
साहित्यकारों और उपन्यासकारों के प्रति में अपनी कृतज्ञता ज्ञापित करती हूँ जिनकी कृतियों
से मुझ अध्ययन में सहायता मिली ।
प्रस्तुत शोध प्रबन्ध को पूर्ण करने में मुझे जिनकी विशेष रूप से सहायता मिली है
उनके प्रति आभार व्यक्त करना मैं अपना परम् कर्तव्य समझती हूँ ।
शोध प्रबन्ध के विषय उद्घाटन से लेकर उसकी पूर्णता तक अपने इस ज्ञानवर्धन
की दिशा में सर्वप्रथम सर्वाधिक आभार व्यक्त करते हुए मैं अपने शोध निर्देशक श्रद्धेय
डा0 कृपा शंकर पाण्डेय, हिन्दी विभाग, इलाहाबाद विश्वविद्यालय, इलाहाबाद के प्रति
श्रद्धावनत हूँ। जिनके कुशल निर्देशन एवं सत्परामर्श के फलस्वरूप प्रस्तुत शोध प्रबन्ध
सुगठित एवं सुव्यवस्थित होकर पूर्णता को प्राप्त हो सका। उनकौ सहदयता, प्रोत्साहन एवं
आत्मीय सहयोग के लिए मँ सदैव उनकी कृतज्ञ रहंगी। आदरणीया श्रीमती पाण्डेय क
अप्रतिम स्नेह एवं प्रोत्साहन ने मुझमें सदैव जिस धेर्य एवं प्रेरणा शक्ति का संचार किया उसके
लिए मैं उनके प्रति हृदय से अनुगृहीत हूँ।
গন ভাট सत्यप्रकाश मिश्र - हिन्दी विभाग, इलाहाबाद विश्वविद्यालय के प्रति
में अपनी हार्दिक कृतज्ञता ज्ञापित करती हूँ, उन्होंने शोध पंजीयन में अपना अमूल्य सहयोग
देकर मेरी सहायता की ।
डा0 अजय तिवारी हिन्दी विभाग, दिल्ली विश्वविद्यालय, दिल्ली कौ में विशेषं रूप से
आभारी हू जिनके अमूल्य परामर्श, सहयोग एवं दिग्दर्शन से मुञ्चे शोध कार्य में बहुत
User Reviews
No Reviews | Add Yours...