शान्ति पथ प्रदर्शन | Shanti Path Pradarshan
श्रेणी : जैन धर्म / Jain Dharm
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
55 MB
कुल पष्ठ :
417
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)# शान्ति पथ प्रदशेन #
--ः मंगलाचरण :-
कार्तिक के पूर्ण चन्द्रमा वत तीन लोक में शान्ति की शीतल ज्योति फलन वाले हैं शान्ति
चन्द्र वीतराग प्रभु ! जिस प्रकार प्रारम्भ में ही जंग के दस प्रधम कीटको, भाई बन्धुओों की राग रूप
कर्देम से बाहर निकाल कर आपने इस पर प्रनुग्रह किया हं, उसी प्रकार प्रागे भी सदा उसकी सम्भाल
करना ।
संस्कारों को ललकार कर उनके साथ अद्वितीय युद्ध ठानने वाले महा पराक्रमी बाहुबली ।
जिस प्रकार कईम से बाहर निकाले गये इस कीट के सर्व दोषों को क्षमा कर इसका वाह्य मल आपने
पूर्व में ही धोया था, उसी प्रकार সানী মী হুল निर्बल को बल प्रदान करना । ताकि पुनः मल की ओर
इसका गमन न हो ।
महान उपसर्ग विजयी है नागपति ! जिस प्रकार ब्रतों की यह निधि प्रदान कर, इस अ्रधम॑ का
ग्रापने उस समय उद्धार किया था, उसी प्रकार झ्ागे भी इसे उस महान निधान से वच्चित न रखना ।
हे विध्व मातेश्वरी सरस्वती ! कुसंगति में पड़ा में आज तक तेरी अवहेलना करता हुग्ना,
प्रनाथ बना दर दर की ठोकरें खाता रहा । माता की गोद के सुख से वच्चित रहा। अब मेरे सर्व अपराधों
को क्षमा कर । मुझे अभ्रपनी गोद में छिपा कर भव के भय से मुक्त करदे।
हे वराग्य आदर्श गुरूवर ! मुझको अपनी शरण में स्वीकार किया है, तो अ्रब अत्यन्त शुभ
चन्द्र ज्योति प्रदान करके मेरे ग्रज्ञान अन्धकार का विनाश कीजिये ।
99699666668
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