भारतीय शिक्षा की इतिहास | Bhartiya Shiksha Ki Itihas
श्रेणी : साहित्य / Literature
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
33 MB
कुल पष्ठ :
510
श्रेणी :
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लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)दूसरा अध्याय
उन््नीसवीं सदी के प्रारम्भ में भारतीय शिक्षा की स्थिति
प्रस्तुत पुस्तक के प्रथम भाग के द्वितीय खणड मे' मुसलिम शासकां
के अधीन भारतीय शिक्षा की प्रगति का बणेन किया जा चुका है। हम
देख चुके हैं कि लगभग साढ़े छः सो वर्षों के शासन से भी भारतीय
शिक्षा सरकारी शासन पद्धति का अंग न बन सकी | फिर भी शासक-
विशेष की वेयक्तिक चेष्टाओं से भारतीय शिक्षा को समय समय पर
सम्बल श्र प्रोत्साहन मिलता रहा } मुसल्िम शासकों ने भारतीय
शिज्ञा के आन्तरिक स्वरूप भे' किसी तरह के परिवर्तन की चेष्टा
न की । इससे भारतीय शिक्षा की मूलधारा बहुतांश भे' अखण्डित रही |
भारतीय शिक्षा का धार्मिक तथा परमसार्थिक दरृष्टिकोश भुसलिस काल
से भी अधिकांशत: सुरक्षित रहा। विद्यालयों का पारिवारिक स्वरूप-
गुरु-शिष्य का वेयक्तिक सम्बन्ध भी इस काल में लगभग चअक्षुण्ण
रहा । इस तरह मुसलिम विद्यालयों मे भी भारतीय शिक्षा की प्रमुस्य
विशेषतायें कायम रहों। किल्तु व्यायकरता को दृष्टि से मुसलिस शासन-
काल ঈ' भारतीय शिक्षा को परिधि अवश्य हो संकुचित हो गई ।
उत्तर मुगलकाल मे केन्द्रोय शासनकी शिथिलता, राजनीतिक अव्यवस्था
तथा बाह्य आक्र मणों के कारण भारतीय शिक्षा की दशा और भी बुरी
हो गई | फिर भी अंग्रेजी शासन के प्रारम्भ में, शिक्षा के ज्षेत्र मे,
भारत को श्विति अधिकांश यूरोपीय देशों से अच्छी थी 1 ।
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