शेक्सपियर | Shakespiere

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Shakespiere by सूर्यनारायण सिंह - Suryanarayan Singh

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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शेक्सपियर २ शेक्सपियर संसार के सवै-शरेष्ठ कवियों मे एकः गिना जाता है उसकी कविता ने उसे अमर ओर सर्व- प्रिय बना दिया है। लगभग तीन सो वर्ष उसको मरे हो गये पर उसका स्थान, ज्यो-का-त्यो, छोरे-वडे- सभी साहित्यिकों के हृदय में बना है, यही नहीं, दिन-प्रति- दिन, उसके काव्य का अनोखापन हमारे सामने आता जाता है। जिस प्रकार गोस्वामी तुलसीदास के कविता- सागर में जितनी डुबकियाँ लगाई जायें उतने ही अनोखे रत्न निकले, उसी प्रकार शेक्सपियर के काव्य के सारे गुण एक बार ही हमारे सामने नहीं आ सकते। ज्यों- ज्यों हम उसे दूने के लिये दत्तचित्त होगे, त्यों-त्यों हम उसकी अपूक्ता से भसिज्ञता प्रा करते जायेंगे । अतः दोनों प्रकार के पाठक, बड़े-से-बड़े ओर छोटे-से-छोटे के लिये उसके काव्य में सामान भरा पड़ा है। दोनों ही अनुपम आनन्द्‌ लाभ कर सकते है । एक बड़े आलोचक की राय से संसार का प्रत्येक व्यक्ति कवि है। पर सबसे बड़ा कवि वही है, जो केचल अपने ही समय का ओर अपनी ही जाति का नहीं ; वरन्‌ सभी समयों के लिये ओर सभी जातियों का कवि है । हम विना किसी संदेह के शेक्सपिथर को सर्वेकालीन और सर्वदेशीय कवि कह खकते हैं। वह यथार्थ में विश्व-




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