राम वर्षा प्रथम भाग | Ram Varsh Bhaag 1

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Ram Varsh Bhaag 1  by स्वामी रामतीर्थ - Swami Ramtirth

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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সম এ | | १ সমান भाग ) \ हः ৮০০৫2 गुरु-स्वति {१1 - सेणे मेरे स्थामी ! यह चॉकी अदा हे। कहीं दास हे तू , फही सुद खुदा है ॥१॥ कहीं एृष्ण हे तू, फही राम है तू। फटी सङ्गी हैव्‌, ष्टी त्‌. छदा दे ॥२॥ पिल्लाया है जब से मुझे जाम' तू ने । मेरी आँख में क्या नया सुलो खिला है ॥ तेरे इश्क फे यदहर' में मस्त हू में। ~ यथम रना दे, कना म॑ दकव रे) १ यरे, मय २ प्रेस रस छा च्याना = शुष्य वेन्‌ दष्ट धस ४, र्यो, स्तस्य ६ नस्तो. नाय




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