अध्यात्मक बोध अधिकार | Ashtatmak Bodh Adhikar

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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[5] क्या । अने ठाबो,बखत तेमणे मारी राह पण जो३ | छेवटे ते सौ निष्फल थवायी थादीने तेओए মাহী कबजो छेवा माटे दीवानी क्रोरटमां केस दासल क्यों । जे हाल चाठे छे 1 हरे है आपनी पासे मारा हित सबधी उपायनी याचना परु छुं। तेनो सने योग्य उत्तर आपशों |” पूज्यश्रीए उत्तर आपता यद्यु के--वारा माठे ठीक उपाय जैन आर्यिका थबुं ते छे | के जेपी बनते पक्षनों छुटकारों सदज थरई शऊशे । बाइए उत्तर आपता वल्ढु के मारो पण छै तेन विचार छे। ই লাই মাং দীতমা शै क्द्देदुं उचित छे ते मने कृपा करी जणावशों | पूज्यश्रीए उचर आपता कु, के क्रेटमा तारे शु कहेबु तेनु संक्षेप सुचन नीचे प्रमाणे छे। गलत थया त्यारथी ते आज पर्यंतत लग्न थत्रा घता मारो तेनी साथे कोई पण प्रकारनों ससारी सबंध नथी। संप्तार प्रत्येना वैराग्यथी हु प्रथमथीज लग्नना बन्धनने इच्छती ने होती | ते बात में मातापिताने जाहेर पण करी हृती । तेम छता तेमणे जवरजस्तीथी मारु लग्न क्यू छे | हे हु ते संगधनों छुटझरों करी वैराग्प मार्गे विचरवा एटले जैन आर्थिक बनयाना दृह निःचय पर आती छुं। अने ते माटे कोट मारा मार्गने पूरत उत्तेजत आपशे । ए मारं नप्र निवेदन ठे । उर प्रमाणे सर्प समाधान थया बाद वाई पोताना गूहस्यान तरफ परिदाय थ । त्या माताए गृहमे आवतां थयेला पिदर कारण पुरु । बादृए অঈনী यं वात स्ट जिर क्री । माता तरफथी ते दात पितराने লাই थता तेने ते पिपरीत देखावाथी तेणे पुरे पूज्य पामे जगानो प्रतिरध कर्यो । तेम ठा पुत्री शौर वापरीने पूरयश्रीना दर्शनाये আবী | দিবার আ तें पिरद भचरण देखबायी, ते तुरतज तेनी पाछछ आदी, तेने वलात्वारथी पेर स जग आग्रह कयो । ते समय पत्री मौन रदैवायी ते वधे अपरेमा आगर तेना शरीर पर पृज्यश्री समक्ष मारपीट रूपे प्रहार कर्यो । पूज्यश्रीए ते समय बाईने घेर जया सुचव्यु। बाई ते अनुसार वेना पिता साये षर तफ परिदाय थ । आवी पटना पूर्यभी मक्ष बनायी, तेमने ते बाई पर अत्यत गरणा मायसु स्फुरघु थयु 1 यने वे अनुसार तेमणे ते थाई ज्या सुधी बन्ने पक्षयी मुक्त न थाय के आर्थिक न बने स्या सुधी অনাজনী परित्याग करी केबछ दूध पर रहेवानो अमिग्रह तेज दिवसे एटले सबत्‌ १९९३ ना वैशाल शुक्ल चतुदर्शीए क्यों । उपरोक्त वात माडल छेत्रमा जाहेर थत्रा क्रम ते बाईना इयसुर पससा पण परिदित थई। अने वेवी ते ना स्तद्‌ पोताना एकं शनीमने तेनी तपासणी मटे माडल सौर्यो । अहीं छनीमने पूयभरीना अभिग्रह संयो सम बात स्पष्ट समजाता तेणे अमदायाद जाई, ते बाईना ससराने পিস




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