भारत की खोज | Bharat Ki Khoj

Bharat Ki Khoj by आचार्य श्री रजनीश ( ओशो ) - Acharya Shri Rajneesh (OSHO)

लेखक के बारे में अधिक जानकारी :

आचार्य श्री रजनीश ( ओशो ) - Acharya Shri Rajneesh (OSHO)

ओशो (मूल नाम रजनीश) (जन्मतः चंद्र मोहन जैन, ११ दिसम्बर १९३१ - १९ जनवरी १९९०), जिन्हें क्रमशः भगवान श्री रजनीश, ओशो रजनीश, या केवल रजनीश के नाम से जाना जाता है, एक भारतीय विचारक, धर्मगुरु और रजनीश आंदोलन के प्रणेता-नेता थे। अपने संपूर्ण जीवनकाल में आचार्य रजनीश को एक विवादास्पद रहस्यदर्शी, गुरु और आध्यात्मिक शिक्षक के रूप में देखा गया। वे धार्मिक रूढ़िवादिता के बहुत कठोर आलोचक थे, जिसकी वजह से वह बहुत ही जल्दी विवादित हो गए और ताउम्र विवादित ही रहे। १९६० के दशक में उन्होंने पूरे भारत में एक सार्वजनिक वक्ता के रूप में यात्रा की और वे समाजवाद, महात्मा गाँधी, और हिंदू धार्मिक रूढ़िवाद के प्रखर आलो

Read More About Acharya Shri Rajneesh (OSHO)

पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

(Click to expand)
भारत की खोज ओशो नए भारत की खोज टाक गिवन इन पूना इंडिया डिस्कोर्स नं० १ मेरे प्रिय आत्मन्‌. एक अंधेरी रात मे आकाश तारो मे भरा था ओर एक ज्योतिषि आकाण की तरफ आंखें उठाकर तारों का अध्ययन कर रहा था। वह रास्ते पर चल भी रहा था औ र तारों का अध्ययन भी कर रहा था। रास्ता कव वदल गया उने पता नहीं क्योकि जिसकी आंख आकाश पर लगी हों उसे जमीन के रास्तों पर भटक जाने का पता न हीं चलता। पैर तो जमीन पर चलते हैं और अगर आंखें आकाश को देखती हैं तो पैर कहां चले ंगे इसे पहले से निश्चित नहीं कहा जा सकता। वह रास्ते से भटक गया और र स्ते के किनारे एक कुएं में गिर पड़ा। जब कुएं में गिरा तब उसे पता चला। आंखें तारे देखती रहीं ओर पैर कणं मे चले गए्‌। वह वहत चिल्लाया अंधेरी रात थी गांव दूर था पास के एक खेत से एक बूढ़ी औरत ने आकर वामुशकल से उसे कुएं के व हर निकाला।




User Reviews

No Reviews | Add Yours...

Only Logged in Users Can Post Reviews, Login Now