चल हंसा उस देश | Chal Hansa Us Desh
श्रेणी : दार्शनिक / Philosophical, धार्मिक / Religious
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
674 Kb
कुल पष्ठ :
97
श्रेणी :
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लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
ओशो (मूल नाम रजनीश) (जन्मतः चंद्र मोहन जैन, ११ दिसम्बर १९३१ - १९ जनवरी १९९०), जिन्हें क्रमशः भगवान श्री रजनीश, ओशो रजनीश, या केवल रजनीश के नाम से जाना जाता है, एक भारतीय विचारक, धर्मगुरु और रजनीश आंदोलन के प्रणेता-नेता थे। अपने संपूर्ण जीवनकाल में आचार्य रजनीश को एक विवादास्पद रहस्यदर्शी, गुरु और आध्यात्मिक शिक्षक के रूप में देखा गया। वे धार्मिक रूढ़िवादिता के बहुत कठोर आलोचक थे, जिसकी वजह से वह बहुत ही जल्दी विवादित हो गए और ताउम्र विवादित ही रहे। १९६० के दशक में उन्होंने पूरे भारत में एक सार्वजनिक वक्ता के रूप में यात्रा की और वे समाजवाद, महात्मा गाँधी, और हिंदू धार्मिक रूढ़िवाद के प्रखर आलो
पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)चल हंसा उस देस चल हंसा उस देस श्री रजनीश द्वारा 1966 एवं 1970 मेँ दिए गए सात अमृत प्रवचनों का अपूर्वं संकलन अनुक्रम ध्यान है अंतस-क्रांति 1 ध्यान का द्वार सरलता 17 ध्यान मंदिर मनुष्य का मंगल 31 ध्यान है साक्षीमाव 45 ध्यान है अक्रिया 69 ध्यान है भगवत्ता 85 संन्यास ओर अंतस-क्रंति1 01 ~ ०9 छा के ७० (9 उस देश की भूमि एक दुनिया है जिसमें सब सामान्यजन जीते हैं कहना चाहिए कि सभी जीते हैं। उन्हें । समृची दुनिया ही उन्हीं कौ हे। लेकिन इस दुनिया के भीतर एक और छोटी-सी दुनिय क्का-दुक्का मुद भर लोग जीते है। उन्हे हम संन्यासी कहते है। वे भी इस दुनिया यें जीति 1
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