कोपलें फिर फूट आयीं | Kople Phir Phoot Aayin

Kople Phir Phoot Aayin by आचार्य श्री रजनीश ( ओशो ) - Acharya Shri Rajneesh (OSHO)

लेखक के बारे में अधिक जानकारी :

आचार्य श्री रजनीश ( ओशो ) - Acharya Shri Rajneesh (OSHO)

ओशो (मूल नाम रजनीश) (जन्मतः चंद्र मोहन जैन, ११ दिसम्बर १९३१ - १९ जनवरी १९९०), जिन्हें क्रमशः भगवान श्री रजनीश, ओशो रजनीश, या केवल रजनीश के नाम से जाना जाता है, एक भारतीय विचारक, धर्मगुरु और रजनीश आंदोलन के प्रणेता-नेता थे। अपने संपूर्ण जीवनकाल में आचार्य रजनीश को एक विवादास्पद रहस्यदर्शी, गुरु और आध्यात्मिक शिक्षक के रूप में देखा गया। वे धार्मिक रूढ़िवादिता के बहुत कठोर आलोचक थे, जिसकी वजह से वह बहुत ही जल्दी विवादित हो गए और ताउम्र विवादित ही रहे। १९६० के दशक में उन्होंने पूरे भारत में एक सार्वजनिक वक्ता के रूप में यात्रा की और वे समाजवाद, महात्मा गाँधी, और हिंदू धार्मिक रूढ़िवाद के प्रखर आलो

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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कॉपलें फिर फूट आईं पहला प्रवचन ३१ जुलाई १९८६ 3. ३० अपराहन सुमिला जुहू वंवई प्रश्न भगवान आप कैसे हैं? मैं तो वैसा ही हूं। और तुम भी वैसे ही हो। जो बदल जाता है वह हमारा असली चैहरा नहीं है। वह हमारी आत्मा नहीं है। जो नहीं बदलता न जीवन मैं न मृत्यु मैं वही हमारा यथार्थ है। हम लोगों से पूछते हैं कैसे हो। नहीं पूछना चाहिए। क्योंकि हमने स्वीकार ही कर लिया पूछने मैं...बदलाहट को परिवर्तन को वचपन को जवानी को बुढ़ापे को जीवन को मौत को। कुछ है तुम्हारे भीतर जिसका तुम्हैं भी पता है। बचपन मैं भी यही था और नहीं जल्में थे तब भी यही था। गंगा मैं बहुत जल बहता गया लैकिन तुम किनारे खड़े हो और वहीं हो। तुम दिखाई भी न पड़ोगे कल तो कक्षी वही होगे। नए होंगे रूप नयी आकृतियां शायद तुम अपने को भी पहचान पाओ। नए हों नाम नया होगा परिचय नया होगा वैष फिर भी मैं कहता हूँ तुम वही होओगे। तुम सदा से वही हो और तुम सदा परिचय नया होगा वैष फिर भी मैं कहता हूँ तुम वहीं होओगे। तुम सदा सै वही हो और तुम सदा वही रहोगे। इस सदा सनातन शाश्वत को चाहों तो ईश्वर कहो चाहो तो तुम्हारी सत्ता कहो। इस पर बहुत लहरें आती और जाती है पर समंदर वही है। बदलाहट झूठ है। लैकिन हमने बदलाहट को सच माना हुआ है और उसै संसार बना लिया है। काश हम समझ सर्कैं कि बदलाहट झूठ है तो चोर और साधु मैं कोई फर्क न रह जाए _ क्योंकि दोनों के भीतर जो है वह न तो चोर है और न साधु है तो हिंदू और मुसलमान मैं




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