समालोचक | Samalochak

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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(4 3 महाराजा डे { समाचार এজ | भारत को परश्चिमित्तर सोमा पर वज़ोरियां के एक दस नहें छड़ा उपद्गण मचा रकक्‍खा था ! उनच्ते दमन कर्ने से लिये एक्छ सै निन्स জম হিল किया गया या ¦ उसके साथ एक विलायती समादार पत्र ब्ला सम्बाद्दाता भी चा 1 अवकाश मिलने पर मेरो उसने अनेक बातें हातो थों। एक्क दिन अपने देश के राजा मचाशजाओं को चर्चा! आई ले! उसने पा कि इस देश क्ते राजा सदाशजाओं के समाचार पन्नों से कैसा अनुराग दे | मेने कहा मेरा दस विषय दं कुछ अच्छा ज्ञान नहों हैं परन्तु इतना में कड सकता हू कि डनकेा केवल उन्दी सप्राचार परजां का ध्यान है लो अंगरेंज़ां द्वाए। सम्पादित होते हैं | देशी भाषा के पत्नां में अनुशग सरखनेवालें बचुत येगे दें! सम्बाद दाता ने शोक्क प्रकाश करके कद्दा कि मचारशाज शडवाडे को समाचार यजो में बड़ो अठ्वा दे यद किसो प्रकार संभव नहीं है क्सि मद्ाराज के सम्बन्ध में क्ला्ड लेख किसी पत्र में प्रकाश दो और सह उमे न टेखं 1 कम से च्म एक समाचार पत्र बद् प्रतिदिन पढ़ले हैं ओर यद देखते हें कि प्रजा उनके सम्बन्ध में कया करती ले १ तथा न्यः देशवासी उनके कार्यो को क्या समालेचचना करते दं! यर चनें की आवश्यकता नहीं हे कि महाराज अकेले यदि दाह ले समस्त संसार के समाचारपत्नां व्ले।! नहों पढ़ सकते हे अस्तु उनके सेक्रेटरो उनके लिये “ समालाचऋ?” का काम करते हें अथेश्ल सब खमा শে




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