तमाखूसे हानियाँ | Tamakhuse Haniyan

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Tamakhuse Haniyan by अज्ञात - Unknown

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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तमाखू तेज दर दै । खिला दिया जाता है, तो वह तत्का ही मर जाता है और दो बूँदोंसे तो बड़े बड़े कुत्ते मर जाते हैं ) छोटे छोटे पक्षी तो तमाखूके अर्केकी गन्धसे ही मर जाते हैं। डा० मसीने लिखा है कि मनुष्यके साथ रहनेसे जिन्हें तमाखूका घुआँ सह्य हो गया था ऐसे कुत्तो और बिल्लियोंकी भी जीभोपर दो बूंद अक्ष डाल देंनेसे वे तीन चार पलमें ही मर गये हैं। डॉक्टर फ्रेंकलिन लिखते हैं कि पानीमें तमाखूका घुआँ अच्छी तरह मिलनेंके वाद उसके ऊपर जो तेल जेसा पदार्थ निकठ आता है, उसे एक बिंहीकी जीमपर चुपड़ दिया गया, तो वह तत्कार ही मर गई। अमेरिकाके इण्डियन छोग तमाखूके पत्तेमिसे तेझक निकालकर अपने तीरोंके फछोपर छगाते हैं | उन तीरोंके शरीरमें घुसते ही आहत मनुष्य या पक्षी विषसे मूछित हो जाते हैं और हाथ-पौँव मारकर थोड़ी ही देरमें मर जाते है । डक्टरोने यह भी निश्चय किया है कि লিজ आदमीको বলা खानेका व्यसन नहीं है, यदि उसे कुछ अधिक मात्रारमे तमाखू खिला दी जाती है तो वह मर जाता है | पहले पहल यदि कोई अनभ्यस्त छड़का दो तीन वीडियाँ एक साथ पी जाता है तो उसका तिर घूम जाता है, मस्तके चकर आने छगता है और जहर चदनेके सारे लक्षण शरीर दिखाई देने छगते हैं । तमाखू खानेवालेके बढुएमेसे यदि कमी तुमने सुपारीका टुकड़ा निकालकर खाया होगा, तो तुमको उल्टी (करै) जैसी इए विना न रही होगी । तमाखकते पर्तोको भिगोकर पेटपर बाँध देनेते वहुतोंको खूब कै होने छगती है और कित्तनोंद्दीके तो इससे प्राण भी चले जाते हैं। सेंठा सेंटीड ( 599७ 5०ग्राव्णां ) नामके एक प्रैच कविके शरावके प्यालेमें किसी मृर्खने सूँवनेकी तमाखूकी उन्ती उदे दी, इससे उसकी शु हो गई | शराव पीते दी उसके पमे १५




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