गणधरवाद का गुजराती से हिन्दी अनुवाद | Gandharwad Ka Gujrati Se Hindi Anuwad
श्रेणी : संदर्भ पुस्तक / Reference book
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
22 MB
कुल पष्ठ :
456
श्रेणी :
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लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)&. गणधर का परिचय ` ६१-७०
१०. विषय प्रवेश ७०-१६०
शैली ७०
जका का आधार ७२
शका-स्थान रय
(अर) श्रात्म-विचारणा ७४-१ १८
१ श्रस्तित्व ` ७५
२. श्रात्मा का स्वरूप-चैतस्य ७८
(१) देहात्मवाद-भूताद्मवाद ७९
(२) प्राणात्मवाद-इन्द्रियात्म-
वाद ८१
(३) मनोमय श्रात्मा ८६
(४) प्रज्ञात्मा, प्रज्ञानात्मा, -
। ` विज्ञानात्मा ८४
(५) भ्रानन्दात्मा নি
(६) पुरुष, चेतन श्रात्मा-
| चिदाट्मा-त्रह्म ८७
(७) भगवान् बुद्ध का अनात्म-
নাজ জন
{च} दाशेनिको का भ्रात्मवाद ६४
(९) जन मत्त ६४
उपसहार : ६५
হ जीव श्रनेक ই ६५
(गर) वेदान्तियो के मतभेद ६६
(१) शकराचये का विवतंवाद ६६
(२) भास्क राचार्य का सत्योपाधि-
वाद ६७
(३) रामानुजाचार्य का बिशिष्टा-
इंतवाद ६७
(४) निम्बाकं-सम्मत द्वेताहत-पेदा-
भेदवाद ९८
(५) मध्वाचाय का भेदवाद ॐ
(६) विज्ञानभिक्षु का भ्रविभागा-
द्वेत ६८
र 13
(७) च॑तन्य का भ्रचिन्तय भेदाभेद-
बाद €८
(८) वल्लभाचायं का शुद्धाद्वेत-
मार्ग ६६
झा) शवों का मत ६६
४ शात्सा का परिमारा ६६
५ जीवो फी नित्यानिव्यता १०१
'() জল ক্সীহ मीमासक १०१
(পা) साख्य का कूटस्थवाद १०१
(इ) नैयायिक-वेणेषिको का
नित्यवाद १०१
(ई) बौद्ध-सम्मत अनित्यवाद १०२
(उ) वेदान्त-सम्मत जीव की
परिणामी नित्यता १०२
६. जीव का कतृ त्व तथा भोकतृत्व १०२
{श्र) उपनिषदो का मत १०३
(श्रा) दाशंनिको का मत १०४
(इ) वी द्ध-मत १०१५
(ई) जैन मत १०६
७. जीव का बन्ध श्रौर मोक्ष १०७
(अ) मोक्ष का कारण १०७
(भ्रा) वन्धकां कारण १०८
(इ) बन्ध क्या है? १०९
(ई) मीक्ष का स्वरूप ११२
(उ) मुक्ति-स्थान ११६
(ऊ) जीवन्पमुक्ति-विदेहमुक्ति ११७
(श्रा) कमे-विचार ११८-१५०
(१) कर्मविचार का मूल ११९
(२) कालवाद १२३
(३) स्वभावचाद १२४
(४) यदुच्छावाद १२४
(५) नियतिवाद १२४
(६) प्रज्ञानवादी १२७
(७) कालादि का समन्वय १२३
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