बंगाल का काल | Bangal Ka Kal
श्रेणी : इतिहास / History
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
1009 KB
कुल पष्ठ :
83
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)बंगाल का कान
यह चदा तो थोडा ही है,
'सिहानियाँ पद्मपत की सब,
खेतानो को औ' बिड़ला की,
साराभाई, डालमिया की,
वालचद की, हुकुमचद की,
हिज़हाईनेस आगा खाँ की,
সী” निज्ञाम की,
जो कि सुना जाता है सबसे
धनी व्यवित हैं इस दुनिया के,
और चचा इन सवके कारं
ओर लकडदादा कुबेर की
सारी दौलत भी मिल जाए,
तो हे बग देश के मूखो,
' नही बचा तुमको सकती है 1
तुम्हे जानना है मनुष्य तुम
भर नही कीचड के कीडे
जो आहार तथा मैथुन कर
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