रचना विधि | Rachna Vidhi
श्रेणी : साहित्य / Literature
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
5 MB
कुल पष्ठ :
291
श्रेणी :
यदि इस पुस्तक की जानकारी में कोई त्रुटि है या फिर आपको इस पुस्तक से सम्बंधित कोई भी सुझाव अथवा शिकायत है तो उसे यहाँ दर्ज कर सकते हैं
लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)कहानी-लेखन &
( १४)
एक आदमी की यह बान थी कि चह सभी बातो में कुछ न
कुछ भलाई देखा करता थधा। एक दिन ऐसा हुआ कि उसकी
शॉग पर से एक गाडी निकल गई, ओर अत म डावंटरों कौ
सलाह से उसकी बह धॉग काट दो गई ।
जब उसके मित्रो ने यह बात छुनी, तव थे उससे सहालु-
भूति प्रकट करने आये। इसके उत्तर मे उसने कहा-भाई,
इससे दुखी होने की कौन वात है। अव भन्रिष्य में मुझे एक
ही जूता खरीदना पडेगा, ओर इस तरह मेगा कम खच होगा ।
( ६५)
किखी देहाती ने शहर की सडका पर पानी छिडकनेसाली
गाडी देखी । उसे दखते ही वह ठठाऊग हँस पडा। इस पर
उसके एक शहरणती मिन्न ने पृछा-क्यो भाई क्रिस बात पर
एसे ? देशाती ने एसते हँसते उत्तर दिया-भाई में तो लमभता
था कि देहातनाले ही बडे मूर्ख होते हैं। परन्तु शहर्बाले उनसे
थी घाजी मार ले यण । भला चताओो तो च्छि इस फटी गाड़ी
में पानी लेकर चलना फहाँ फी वुद्धिमानी है! यह पानी तो
सब रास्ते में ही गिर जायगा ।
नतोट--इसी प्रकार ध्षध्पाएक জন্য कट्टानियाँ क्षपनी भोर से
दद् सकते हैं ।
User Reviews
No Reviews | Add Yours...