राजर्षि | Rajarshi
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
2 MB
कुल पष्ठ :
132
श्रेणी :
हमें इस पुस्तक की श्रेणी ज्ञात नहीं है |आप कमेन्ट में श्रेणी सुझा सकते हैं |
यदि इस पुस्तक की जानकारी में कोई त्रुटि है या फिर आपको इस पुस्तक से सम्बंधित कोई भी सुझाव अथवा शिकायत है तो उसे यहाँ दर्ज कर सकते हैं
लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
No Information available about सरयूप्रसाद पाण्डेय - Sarayuprasad Pandey
पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)# भीगरोशाय नम; #
राजार्षे
লস,
¢
पहला सग-अतीत-गौरव
০১০০
विमा, वीणापारि, कृपा कर विश्व-विहारिणि;
आ रसना पर बैठ दयामयि, भव-भय-हारिणि |
हृत्तत्री के तार जरा तू भंकृत कर दे,
निकले मघुमय राग भाव नूतनतर भर दे।
काव्यागरत वह चले मगन उसमे संसति हो,
मेगलमय राजर्षिः हमारा त्थ से इति হী।
अजरामर प्रत्येक वणं हो बोघ गम्य हो,
माव रुचिर हो जननि, सुखद हो, ओर रम्य हो ।
৯৮ >€ ১
User Reviews
No Reviews | Add Yours...