हमारी आँखें | Hamaarii Aankhen
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
3 MB
कुल पष्ठ :
84
श्रेणी :
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लेखकों के बारे में अधिक जानकारी :
आर० एन० मिश्रा -R. N. Mishra
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कमलजीत सिंह -Kamaljeet Singh
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)दवा डालने स॑ रक्त चाप एक दम से बढ सकता है।
3. जैसा ऊपर बताया गया है दका डालने पर चकाचौधी तथा
पढने में परेशानी, आदि हो सकती है, जो दवा का असर खतम होने
पर अपने आप दूर हो जाती है।
4. यदि मरीज को समलबाई हो तो यह भी डाक्टर को बता देना
चाहिए, क्योंकि इन दवाओं के डालने से अक्सर समलबाई का दौरा
पडने का डर रहता हैं।
परदे ( रेटिना ) की जाँच -
यह पुतली फैलाकर आफ्थलमोस्कोप नामक यंत्र से की जाती
है। इसकों फण्ड्स देखना भी कहते हैं। यह जाँच अत्यन्त आवश्यक
होती है। डाक्टर को इससे कई महत्वपूर्ण रोगों का ज्ञान हो जाता है।
यह सामान्यतः रेटिनोस्कोपी के समय ही कर दी जाती है। इसके द्वारा
हम लेस, विटरियस, आँख की नस, मैकुला तथा रेटिना की बीमारियों
का पता कर सकते हैं।
अक्सर चिकित्सक (॥99८ांशा) नेत्र रोग विशेषज्ञ के पास
अपने मरीजों को फण्ड्स देखने के लिए भेजता है। यह और कुछ नही
बल्कि आफ्थलमोस्कोप द्वारा की गयी जाँच है। इसके द्वारा शरीर के
अन्य भाग में क्या हो रहा होगा, इसकी जानकारी चिकित्सक (गक
51680) को मिल जाती हे! जैसे, मधुमेह (1212015) में रेटिना मे
एसे परिवर्तन आ जाते है, जिसका यदि शुरू मे निदान नहीं किया जाये
तो मनुष्य अन्धा तक हो सकता है। उच्च रक्त चाप मे भी रेटिना की
जांच अत्यन्त आवश्यक होती है। इसके अलावा मस्तिष्क के रोगौ--
जैसे, सर में चोट लगने के बाद या मस्तिष्क के ट्यूमर मे भी फण्ड्स के
जाँच की आवश्यकता होती है। इस जाँच के द्वारा इससे मस्तिष्क में सूजन
का पता चलता है तथा यह भी कि मस्तिष्क मे उच्च तनाव तो नही है।
इन सब जाँचों के अलावा अन्य कई जाँचे डाक्टर द्वारा को
जाती है, जिनका विवरण यहाँ आवश्यक नही है।
हमारी आँखें / 17
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