मधुकोष | Madhukosh
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
3 MB
कुल पष्ठ :
150
श्रेणी :
हमें इस पुस्तक की श्रेणी ज्ञात नहीं है |आप कमेन्ट में श्रेणी सुझा सकते हैं |
यदि इस पुस्तक की जानकारी में कोई त्रुटि है या फिर आपको इस पुस्तक से सम्बंधित कोई भी सुझाव अथवा शिकायत है तो उसे यहाँ दर्ज कर सकते हैं
लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)शि,, प्रदृशिनी में न जाने कितनों माताएं अपने लाडले
लालों को पतियोगिता-पुरस्कार के लिये खूब नहला-घुला
कर साफ़-सुथरे कपड़े पहिना कर, आखों में काजल
माथे पर ढिटोना लगाकर ले जाती हैं । पृत्येक ममता-
मयी-माता यही खमझती है कि उसकी “मोदी का छाल!
सब से खुन्दर है ~ इनाम उसे मिल हीः कर रदेगा । किल,
निणीयकों को घोषणा पायः अधिका माताओं की कोमल
कामनाओं को रेणुका-भवने की तरह छिन्न-सिन्न कर देती
है। इतना दोते हुए भी, वे बेचारो उन भोले-भाले पराजित
प्राणियों को उपेक्षा की दृष्टि से नहीं देखतीं। प्रत्युत, और
भो अधिक प्यार करने लगती हैँ । उनकी तुतली-भांषा पर
घुग्ध, चाल-ढाल पर छट्हू ओर दाव-भाव पर मस्त हो
সানী ছু!
User Reviews
No Reviews | Add Yours...