प्रज्ञा (प्रथमो भाग) | Pragya Bhag-1
श्रेणी : भाषा / Language
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
22 MB
कुल पष्ठ :
633
श्रेणी :
यदि इस पुस्तक की जानकारी में कोई त्रुटि है या फिर आपको इस पुस्तक से सम्बंधित कोई भी सुझाव अथवा शिकायत है तो उसे यहाँ दर्ज कर सकते हैं
लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
No Information available about कृष्णचन्द्र त्रिपाठी - krishnachandra Tripathi
पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)8484 “(0
৮
= ८५
শু লস
নিি)৬-0) 10 0১১ এ/৭1 ५१
५५
` गाँधी जी का जन्तर
तुम्हें एक जन्तर देता हूं । जब भी तुम्हें सन्देह
ही या तुम्हारा अहम तुम पर हानी हीने लगे,
तो यह कप्तीटी आजमाओं :
जो राबसे गरीब और कमजोर आदमी तुमने
देखा हो, उसकी शकल धाद फरो और अपने
दिल से पूछी कि जो कदम उठाने का तुम विचार
फर् रह हो, षह उस आदमी के लिए कितना
उपयोगी होगा । क्या उत्तसे उसे कुछ लाभ
पहुँचेगा ? क्या उससे बह अपने ही जीवन और
भाग्य पर कुछ काबू रख सकेगा ? यात्ति क्या
उससे उन करोड़ों लोगों को स्व॒राज्य मिल
सकेगा जिनके पेंट भूखे है और आत्या अतुप्त है ?
तव तुष देखोंगे कि तुम्हारा सन्वेह भिटट रहा
ह ओर अहम् समाप्त होता जा रहा है|
जाओ के ৪৪
4 ८ <, ~ ध
User Reviews
No Reviews | Add Yours...